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पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामला : पत्नी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज न करने पर हाईकोर्ट सख्त

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को झांसी के पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामले में याची पत्नी शिवांगी यादव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज न कर चचेरे भाई की तरफ  से प्राथमिकी दर्ज करने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत दाखिल याची की अर्जी पर एसएसपी झांसी एवं थानाध्यक्ष मोठ, झांसी को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ  आपराधिक अवमानना का केस चलाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट इस याचिका पर 13 अक्तूबर को पुन: सुनवाई करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील कुमार व न्यायमूर्ति वैज मियां ने शिवांगी यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची शिवांगी यादव की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्ला व शिवम यादव का कहना था की हाईकोर्ट ने पिछली तारीख पर याची की तरफ  से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। याची ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एक विस्तृत अर्जी एफआईआर दर्ज करने के लिए दी थी। लेकिन, पुलिस ने याची की एफआईआर को दर्ज न कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।

वकीलों का कहना था कि झांसी के एसएसपी व मोठ थाने के थानाध्यक्ष के खिलाफ  आपराधिक अवमानना का मामला बनता है। इनके खिलाफ  अवमानना की कार्यवाही की जाए। प्रदेश सरकार की तरफ  से महाधिवक्ता अजय मिश्र तथा अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा।

पुष्पेन्द्र यादव के पिता सीआईएसएफ  में थे। उनकी आंख चली गई तो एक भाई को नौकरी दी गई। दूसरा भाई दिल्ली में मेट्रो में नौकरी करता है। पुष्पेन्द्र दो ट्रकों का मालिक था। बालू गिट्टी की ढुलाई करता था। मोठ थाना पुलिस ने पुष्पेन्द्र को फर्जी मुठभेड़ में मार डाला और फर्जी केस दर्ज कर हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया। घर आये भाई को भी हत्या के प्रयास केस में फंसा दिया। न्याय न मिलने पर पत्नी ने हाईकोर्ट की शरण ली है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में फर्जी मुठभेड़ के आरोपी पुलिस कर्मियों पर एफ आईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को झांसी के पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामले में याची पत्नी शिवांगी यादव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज न कर चचेरे भाई की तरफ  से प्राथमिकी दर्ज करने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत दाखिल याची की अर्जी पर एसएसपी झांसी एवं थानाध्यक्ष मोठ, झांसी को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ  आपराधिक अवमानना का केस चलाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट इस याचिका पर 13 अक्तूबर को पुन: सुनवाई करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील कुमार व न्यायमूर्ति वैज मियां ने शिवांगी यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची शिवांगी यादव की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्ला व शिवम यादव का कहना था की हाईकोर्ट ने पिछली तारीख पर याची की तरफ  से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। याची ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एक विस्तृत अर्जी एफआईआर दर्ज करने के लिए दी थी। लेकिन, पुलिस ने याची की एफआईआर को दर्ज न कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।