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भ्रष्टाचार के संस्थागत स्वरूप का एक्सटेंशन रघुवर सरकार से हेमंत सरकार में हुआ : सरयू राय

सरकारों के घोषित-अघोषित वसूली एजेंटों को आखिर पावर कहां से मिलती है
11 अक्टूबर को भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन से सिस्टम बदलने का शंखनाद करेंगे सरयू

Ranchi : विधायक सरयू राय 11 अक्टूबर को भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन में सिस्टम को बदलने का शंखनाद करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि सत्ता शीर्ष पर भ्रष्टाचार चरम पर है. इसे रोकने के लिए जनांदोलन की जरूरत है. सरयू ने कहा कि 2012 से 2022 तक 10 साल में राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर के भ्रष्टाचार हुए हैं. भ्रष्टाचार के संस्थागत स्वरूप का एक्सटेंशन रघुवर सरकार से हेमंत सरकार में हुआ है. भ्रष्टाचार के नये किरदार नहीं खड़े हुए, प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा जैसे पुराने किरदारों को ही इस सरकार ने अपना लिया. झामुमो और भाजपा दोनों को बताना चाहिए कि सरकारों के घोषित और अघोषित वसूली एजेंटों को आखिर पावर कहां से मिलती है.

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गाला बैंक्वेट हॉल में सुबह 11 बजे से सम्मेलन शुरू होगा

सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन का दिन लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन 11 अक्टूबर को तय किया गया है. रांची में पुरानी विधानसभा के सामने स्थित गाला बैंक्वेट ह़ॉल में सुबह 11 बजे से सम्मेलन शुरू होगा. कोशिश है कि राज्य के प्रत्येक विधानसभा से 5 प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल हों. इसमें शामिल होने के लिए इच्छुक व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. राजनीतिक और सामाजिक संगठन के लोग भी 8 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए इच्छुक व्यक्ति को 8877537777 पर मिस्ड कॉल करना है या फिर व्हाट्सएप मैसेज भेजना है. उनसे संपर्क करके रजिस्ट्रेशन की सूचना दी जाएगी. अबतक 35 विधानसभा क्षेत्र से 253 प्रतिनिधियों ने मिस्ड कॉल या मैसेज करके सम्मेलन में शामिल होने की इच्छा जताई है.

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व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे आज भी प्रासंगिक

उन्होंने कहा कि 48 साल पहले संयुक्त बिहार में जेपी की अगुआई में छात्र आंदोलन हुआ था. आंदोलन भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और कुशिक्षा के खिलाफ था. शासकीय भ्रष्टाचार इसका मुख्य मुद्दा था. जेपी ने आंदोलन का लक्ष्य सत्ता नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन रखा था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के पहले पड़ाव में ही व्यवस्था परिवर्तन के आंदोलन ने दम तोड़ दिया. सत्तारूढ़ हुए अधिकांश आंदोलनकारी नेताओं की जमात ने व्यवस्था तो नहीं बदली, हां अपना चरित्र जरूर बदल लिया. व्यवस्था परिवर्तन के संदर्भ में यह मुद्दे आज भी प्रासंगिक हैं. सत्ता शीर्ष पर भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए युवाओं को भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से जोड़े की जरूरत महसूस हो रही है. 11 अक्टूबर को होने वाले सम्मेलन में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने पर चर्चा के साथ कार्यक्रम भी तय होंगे.

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