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सिन्धी अकादमी द्वारा संगोष्ठी का आयोजन

भाषा विभाग, उत्तर प्रदेश के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष की श्रृंखला में आजादी एवं राष्ट्र निर्माण में महात्मा गाँधी, लाल बहादुर शास्त्री तथा सिंधी समाज का योगदान विषय पर संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर प्रख्यात हिन्दी विद्वान पद्मश्री डॉ0 विद्या बिन्दु सिंह, श्री प्रकाश गोधवानी, श्री दुनीचन्द चन्दानी, प्रोफेसर गोपाल कृष्ण लालचन्दानी एवं अकादमी निदेशक श्री विनय श्रीवास्तव द्वारा माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गयी।
कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ0 विद्या बिन्दु सिंह, प्रोफेसर गोपाल कृष्ण लालचन्दानी, श्री प्रकाश गोधवानी, श्री दुनीचन्द चन्दानी ने प्रतिभाग कर अपने विचार व्यक्त किये।
वक्ता डॉ0 विद्या बिन्दु सिंह जी द्वारा अपने वक्तव्य में अवगत कराया गया कि अंहिसा के बिना किसी राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है। गाँधी जी हमेशा हृदय परिवर्तन की बात करते थे, वह कहते थे कि हृदय परिवर्तन  में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रोफेसर गोपाल कृष्ण लाल चन्दानी, श्री प्रकाश गोधवानी एवं श्री दुनीचन्द चन्दानी द्वारा संयुक्त रूप से अवगत कराया गया कि लाल बहादुर शास्त्री जी अपनी निष्ठा एवं क्षमता के लिए लोगों के बीच प्रसिद्ध हो गये थे। विनम्र एवं सहिष्णु एवं जबर्दस्त आंतरिक शक्ति वाले शास्त्री जी लोगों के बीच ऐसे व्यक्ति बनकर उभरे, जिन्होंने लोगोें की भावनाओं को समझा। वे दूरदर्षी थे, जो देश को प्रगति के मार्ग पर लेकर आये। वे महात्मा गाँधी जी के राजनीतिक शिक्षाओं से अत्यन्त प्रभावित थे। अपने गुरू जी के ही लहजे में एक बार उन्होंने कहा था कि मेहनत प्रार्थना करने के समान है। स्वतंत्रता संग्राम में अमर शहीद हेमू कालानी, चोइथराम गिदवानी, नानिकराम मेघानी, आनन्द टी हिंगोरानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यक्रम के अन्त में अकादमी निदेशक श्री विनय श्रीवास्तव द्वारा यह अवगत कराया गया कि अकादमी संगोष्ठियों, छात्र प्रोत्साहनवृत्ति, सिंधी शिक्षामित्र मानदेय, सिन्धी लर्निंग कोर्स, पुस्तक प्रकाशन, कवि सम्मेलनों आदि के माध्यम से सतत् रूप से सिन्धी भाषा एवं साहित्य के संवर्द्धन हेतु सफलतापूर्वक कार्य कर रही है।