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योगी सरकार की नई औद्योगिक नीति का ड्राफ्ट तैयार… निवेशक विदेशी हों या बड़े उद्योग लगाने के इच्छुक, जमीन तुरंत मिलेगी

लखनऊ : योगी सरकार का अब पूरा फोकस यूपी को विदेशी निवेश व बड़े उद्योगों का हब बनाने पर है। नई औघोगिक नीति में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाली परियोजनाओं, सुपर मेगा और इससे उच्च श्रेणी वाले परियोजनाओं के लिए सहूलियतें बढ़ाई हैं। इन उद्योगों को परियोजना के लिए तत्काल जमीन मिलेगी। औद्योगिक विकास विभाग ने प्रस्तावित नीति का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। सुझावों-आपत्तियों को शामिल करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार की नई उद्योग नीति के ड्राफ्ट में इस प्रकार कर व्यवस्था की गई है।

नीति का उद्देश्य प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए बेहतर औद्योगिक इको सिस्टम तैयार करना है। इसके लिए अवस्थापना, लॉजिस्टिक, वित्तपोषण एवं मानव संसाधन के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नीति जहां परंपरागत सेक्टर को गति देने के लिए सुविधा एवं सहयोगी देगी वहीं नवोदित क्षेत्रों एवं सर्विस सेक्टर के लिए विशेष प्रोत्साहन के प्रावधान किए जा रहे हैं। रिसर्च, इनोवेशन व पेंटर पर भी खासा ध्यान दिया जाएगा।

ग्राम समाज की जमीन पर भी लगेंगे उद्योग
गामीण क्षेत्रों में उद्योग व निवेश को बढ़ावा देने के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव है। उद्योगों को ग्राम समाज की जमीन 50 साल के पट्टे पर सर्किल रेट के महज एक प्रतिशत मूल्य पर आवंटित की जाएगी। औद्योगिक विकास प्राधिकरण की परिधि में आने वाली ग्रामसभा की भूमि को प्राधिकरण में नि:शुल्क समाहित करने का भी प्रस्ताव है। जमीन आवंटन के साथ ही अधिग्रहण व कब्जे की प्रक्रिया भी सरल की जाएगी। जमीन पर 100% स्टांप ड्यूटी माफ होगी।

बुंदेलखंड व पूर्वांचल में खास छूट
नीति में प्रदेश के समन्वित विकास के लक्ष्य को हासिल करने पर खास ध्यान है। इसलिए बुंदेलखंड व पूर्वांचल में निवेश पर अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। बुंदेलखंड व पूर्वांचल में 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक पार्क पर 25 फीसदी तक या अधिकतम 45 करोड़ तक सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, मध्यांचल व पश्चिमांचल में 30 एकड़ या अधिक भूमि पर निजी औद्योगिक पार्क बनाने पर 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। श्रमिकों को रहने के लिए डारमेट्री बनाने पर भी लागत(जमीन का दाम छोड़कर) की 25 फीसदी तक सब्सिडी देने का प्रस्ताव है।

प्रदेश में कहीं भी 100 एकड़ से इससे अधिक भूमि पर निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने पर 25 फीसदी या 80 करोड़ तक की सब्सिडी मिल सकेगी। निजी पार्क में कम से कम 5 यूनिट स्थापित होना जरूरी होगी। 25 फीसदी एरिया ग्रीन कवर व बेसिक इंफ्रास्टचर के लिए छोड़ना होगा।

रोजगार व प्रशिक्षण पर रहेगा जोर
उद्योगों के संचालन के लिए मानव संसाधन अहम कड़ी है। सरकार की नजर प्रदेश में उपलब्ध मानव संसाधन को दक्ष बनाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने पर है। इसलिए इंडस्ट्री को स्किल गैप की समस्या से निजात दिलाने के लिए शिक्षण संस्थानों, प्राविधिक कॉलेजों, विवि आदि में खास तौर पर अल्पकालिक व दीर्घकालिक पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। औद्योगिक क्षेत्रों, कल्स्टर, निजी औद्योगिक पार्कों में कौशल विकास केंद्र भी खोले जाएंगे। सुरक्षित परिवेश के लिए नोएडा, कानपुर, गोरखपुर सहित बुंदेलखंड व पूर्वांचल के अलग-अलग औद्योगिक क्लस्टर में थाने भी बनाए जाएंगे।