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Editorial:सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान

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7-10-2022

हाल ही में प्रदर्शित आदिपुरुष फिल्म का टीज़र अपने कॉन्टेन्ट के लिए कम एवं अपने इफ़ेक्ट्स के लिए विवादों के केंद्र में है। क्या दर्शक, क्या नेता, सभी इस फिल्म के ट्रीटमेंट से क्रोधित हैं।

उदाहरण के लिए 500 करोड़ के बजट में बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ के टीजर पर विवाद जारी है। फिल्म में भगवान राम, हनुमान और रावण के गलत चित्रण को लेकर इस पर तत्काल बैन लगाने की मांग की गई है। ऐसे में अयोध्या के राम मंदिर के प्रमुख पुजारी सत्येन्द्र दास ने बुधवार को कहा कि भगवान राम, हनुमान और रावण का चित्रण महाकाव्य के अनुसार नहीं है। ये फिल्म उनकी गरिमा के खिलाफ है। मुख्य पुजारी ने आगे कहा कि फिल्म बनाना कोई अपराध नहीं है, परंतु केवल सुर्खियों में लाने के लिए और जानबूझकर विवाद पैदा करने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए।यही नहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी इस टीजर की निंदा की है। उन्होंने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाठक ने कहा, “संतों ने जो कुछ भी कहा है, उस पर ध्यान देने की जरूरत है। फिल्मों ने अक्सर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। जब भी हमारी संस्कृति पर हमला हुआ, इन्हीं संतों और अखाड़ों ने हमारी संस्कृति को बचाया है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व है।”

इससे पूर्व भाजपा प्रवक्ता एवं चर्चित अभिनेत्री मालविका अविनाश ने रावण के चित्रण को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, “मैं इस बात से दुखी हूं कि निर्देशक ने रामायण को लेकर कोई शोध नहीं किया। वाल्मीकि की रामायण, कम्बा रामायण या तुलसीदास की रामायण को लेकर की गई कई व्याख्याएँ हैं, जो पूरी दुनिया में उपलब्ध हैं। वे रामायण का सुंदर चित्रण करते हैं। कम से कम वे हमारे देश में पहले से बनी फिल्मों पर तो शोध कर ही सकते थे।’ अविनाश ने कहा, “टीजर में दिखाई देने वाला रावण मुझे भारतीय नहीं दिखता। वह नीली आँखों वाला, चमड़े की जैकेट पहने हुए है। रचनात्मक और स्वतंत्रता की आड़ में ये हमारे इतिहास को इस तरह से पेश नहीं कर सकते।”