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Taj Mahal: ‘चमकी’ की राह में बादलों का रोड़ा, नहीं हुआ चांदनी रात में चमकते ताज का दीदार

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शरद पूर्णिमा पर चांदनी से नहाए ताजमहल को देखने की तमन्ना थी, लेकिन देश के कोने-कोने से आए सैलानियों को मायूस होना पड़ा। चमकी की राह में बादल रोड़ा बनकर आ गए। पूरे दिन बारिश के बाद रात में कुछ पलों के लिए भी बादल आसमान से हटे नहीं। ऐसे में ताजमहल को रात में चांद की रोशनी में देखने की इच्छा रखने वाले 395 पर्यटक मायूस लौटे। 

रात 8.30 बजे से 50-50 पर्यटकों का 30 मिनट का स्लॉट शुरू हुआ, जो देर रात 12.30 बजे तक चला, लेकिन किसी भी स्लॉट में बादलों के न छंटने से पर्यटक चांदनी में लिपटे ताजमहल को नहीं देख पाए। टूर ऑपरेटर सुमित उपाध्याय का कहना है कि मौसम खराब है तो एएसआई को टिकट ही नहीं बांटने चाहिए थे। टिकट वापसी का समय दोपहर 12 बजे तक है। लोगों को ताज नहीं दिखा, इसलिए उनके पैसे वापस किए जाएं। टिकट वापसी शाम को छह बजे तक होनी चाहिए। 

शरद पूर्णिमा पर चांदनी रात में ताजमहल के दीदार के लिए शनिवार को एएसआई के 22 माल रोड से टिकट मिलना शुरू हुआ, लेकिन लोग इसके लिए सुबह सात बजे से ही कतार में लग गए, जबकि टिकट काउंटर सुबह 9:30 बजे से शुरू होना था।  दोपहर एक बजे तक सभी आठों स्लॉट में 400 टिकट बिक गए। 

करीब 40 पर्यटक फिर भी कतार में रह गए, जिन्हें टिकट न मिल पाया। इस पर दोपहर दो बजे एएसआई के नए टिकट काउंटर पर लोगों ने हंगामा कर दिया। बंगाल से आए पर्यटक शोभित रॉय ने आरोप लगाया कि वह सुबह आठ बजे से कतार में हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। कर्मचारियों ने अंदर से ही टिकट ऑपरेटरों और गाइडों को बेच दिए। आम लोग टिकट लेने से रह गए। 

अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने कहा कि नाइटव्यू का टिकट नंबर से और पारदर्शिता के साथ दिया जाता है। केवल शरद पूर्णिमा पर जब सभी टिकट बिक जाते हैं, तो पर्यटक आरोप लगाते हैं, जबकि कोई भी शीशे के अंदर चल रहे काम को देख सकता है। वहां हमारा कोई अन्य कर्मचारी भी प्रवेश नहीं करता।

 

बारिश के बीच भीगते हुए शनिवार को ताजमहल को देखने के लिए 28,775 पर्यटक पहुंचे। इनमें से 15,792 सैलानियों ने ऑनलाइन और 12,983 ने ऑफलाइन टिकट खरीदा। 1,881 विदेशी पर्यटक आए। आगरा किला पर शनिवार को 6,459 पर्यटक और अकबर के मकबरे सिकंदरा में 691 और मरियम टूम में 46 सैलानी पहुंचे।