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पीएम मोदी ने 2011 में ही दिया था गांवों के लिए सौर ऊर्जा का विजन,

भारत विविध जलवायु वाला देश है। भगवान ने इस देश को सबकुछ दिया है। यहां सूरज की रोशनी भी भरपूर है। ऐसे में ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही दुनिया में सौर ऊर्जा के महत्व को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत पहले ही पहचान लिया था। गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान ही उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया में गुजरात चौथी सरकार थी जिसने एक अलग क्लाइमेंट चेंज डिपार्टमेंट बनाया था। गुजरात पहला राज्य था जिसने सोलर एनर्जी का पॉलिसी बनाया था। गुजरात देश का पहला राज्य था जिसने सिंगल लोकेशन पर सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट देश को समर्पित किया था। उन्होंने वर्ष 2011 में ही यह विजन दिया था कि पावर प्लांट से गांवों तक बिजली ले जाने में इंफ्रास्ट्रक्चर, जमीन, तार लगाकर बिजली ले जाने की जगह अगर हम सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करें तो ऊर्जा की जरूरत कम खर्च में पूरी हो सकती है।वर्ष 2011 में पीएम मोदी ने कहा था, ” पावर स्टेशन से गांव तक बिजली ले जाने में जो इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्चा होता है, मेन्टेनेंस का खर्चा होता है। और मान लीजिए उसी गांव में सोलर पावर प्लांट डाल दिया, उस गांव की जरूरत के लिए। तो एक हिसाब लगाना चाहिए कि कौन सा कम खर्चे वाला है। मेरा अहमदाबादी माइंड कहता है कि गांव में सोलर प्लांट सस्ते में हो जाएगा। इतना इंफ्रास्ट्रक्चर लगा दें, इतनी जमीन ले लें, इतने तार लगाएं और फिर बिजली वहां जाए और फिर गांव को बिजली मिलेगुजरात के मोडासा में वर्ष 2011 में सोलर प्लांट का उद्घाटन करने के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ”पूरा विश्व और मानव जाति ग्लोबल वार्मिंग के कारण बहुत परेशान है, चिंतित है। हमारे पूर्वजों ने ऐसा जीवन जिया ताकि आज हम उसका उपभोग कर पा रहे हैं। अगर हमें अपनी भावी पीढ़ी की चिंता है तो ये हमलोगों का दायित्व है कि हम प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करें, पर्यावरण की रक्षा करें। पूरा विश्व ऊर्जा के संकट से घिरा हुआ है। ईश्वर ने प्रकृति ने ऊर्जा के बहुत माध्यम दिए हुए हैं। समय की मांग है कि हम फिर एक बार उन रास्तों पर चल पड़े। दुनिया में गुजरात चौथी सरकार है जिसने एक अलग क्लाइमेंट चेंज डिपार्टमेंट बनाया है। गुजरात पहला राज्य है जिसने सोलर एनर्जी का पॉलिसी बनाया। और गुजरात आज देश का पहला राज्य बन रहा है जो सिंगल लोकेशन पर सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट देश को समर्पित कर रहा है। मेरी दृष्टि से यह सोलर प्लांट भावी पीढ़ी को मैं समर्पित कर रहा हूं। भावी पीढ़ी को सुरक्षित करने का हमारा ये नम्र प्रयास है। और आने वाली पीढियां इस बात के माध्यम से इसका गर्व करेगी कि पुरानी पीढ़ी के लोग उनके लिए कुछ अच्छा छोड़ कर गए हैं। और इस अर्थ में इसका महत्व भावी पीढ़ी के साथ जुड़ा हुआ है। गुजरात आने वाले दिनों में ग्लोबली सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी, बायोमास सारे क्षेत्र में एक इंटीग्रेटेड सोच के साथ आगे बढ़ने वाले हैं। गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक ग्लोबल हब बनेगा विशेषकर सोलर एनर्जी के क्षेत्र में। और मैं मानता हूं कि पर्यावरण की बहुत बड़ी सेवा आज यहां से हो रही है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बिजली के क्षेत्र में बरसों से गुजरात में जो काम हो रहे थे, वो बहुत बड़ा आधार बने हैं। एक समय था जब गुजरात में बिजली की बहुत किल्लत रहती थी, 24 घंटे बिजली देना बहुत बड़ी चुनौती रहती थी। गुजरात देश का पहला राज्य था जिसने सौर ऊर्जा के लिए एक दशक पहले ही व्यापक नीति बनाई थी। उन्होंने कहा कि जब साल 2010 पाटन में सोलार पावर प्लांट का उद्घाटन हुआ था तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन भारत दुनिया को वन वर्ल्ड, वन ग्रिड का रास्ता दिखाएगा। आज तो भारत सोलर पावर के उत्पादन और उसके उपयोग, दोनों मामलों में दुनिया के अग्रणी देशों में है। उन्होंने कहा कि बीते 6 सालों में देश सोलर उत्पादन के मामले में दुनिया में पांचवे स्थान पर पहुंच चुका है और लगातार आगे बढ़ रहा है। गुजरात ने तो बिजली के साथ सिंचाई और पीने के पानी के क्षेत्र में भी शानदार काम किया है। बीते दो दशकों के प्रयासों से आज गुजरात उन गांवों तक भी पानी पहुंच गया है, जहां कोई पहले सोच भी नहीं सकता था।