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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कलेक्ट्रेट में हुआ नुक्कड़-नाटक

सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं द्वारा 10 अक्टूबर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने हेतु नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया गया। जिले में कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में संवेदना कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने हेतु कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूलों, आश्रम-छात्रावासों एवं ग्रामों में जाकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति बच्चों एवं ग्रामीणों को जानकारी देने के साथ मानसिक रोगों की जांच एवं मानसिक व्याधियों से जुझ रहे लोगों को उपचार भी किया जाता है।
संवेदना कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को सीएमएचओ डॉ0 आरके सिंह एवं डीपीएम सोनल धु्रव के मार्गदर्शन में जिला कार्यालय में साइकोलॉजिस्ट मधु बघेल एवं साइकेट्रिक सहायक विरेन्द्र केला एवं स्टॉफ नर्सों द्वारा नुक्कड़-नाटक के माध्यम से जिला कार्यालय के कर्मचारियों एवं आये लोगों को मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी दी गई। जिसमें बच्चों में युवावस्था की परेशानियों से होने वाले डिप्रेशन के कारण आत्महत्या करने एवं उनसे परिवारों को होने वाली समस्याओं का चित्रण करते हुए लोगों को ऐसी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जिला अस्पताल में स्थित स्पर्श क्लीनिक में जाकर उपचार कराने अथवा जिले के हैल्पलाईन नम्बर 6260320080 पर सम्पर्क करने की सलाह दी गई।
उल्लेखनीय है कि कोण्डागांव में मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संवेदना कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसके लिए जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक संचालित हो रहा है। जहां निःशुल्क परामर्श के साथ दवाईयां भी वितरित की जाती है। इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ की सहायता से मानस फाउण्डेशन की ओर से स्कूलों में स्कूली बच्चों एवं छात्रावासों में बच्चों के लिए विशेष मानसिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर युवावस्था में होने वाले तनाव, भय, अवसाद, गुस्सा, चिंता, बेचैनी एवं घबराहट के संबंध में जानकारी देते हुए उन्हें इन समस्याओं को दूर करने के उपाय बताये जाते हैं साथ ही स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य के हैल्पलाईन नम्बर को भी लिखवाया गया है एवं छात्रावास अधीक्षकों को भी इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
इसके अलावा जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ की सहायता से संचालित युवोदय कोंडानार चैम्प के स्वयंसेवकों द्वारा जिले के सभी ग्राम पंचायतों में चौक चौराहों, हाट-बाजारों में नुक्कड़-नाटक, गीत, सभाओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा मानसिक व्याधियों से पीडित लोगों के उपचार एवं उनकी देखभाल के लिये स्थानीय एनजीओ शांति फाउण्डेशन के साथ मिलकर हाफ वे होम संचालित किया जा रहा है। जिसमें जिले के मानसिक व्याधियों से पीड़ित लोगों को यहां लाकर उनकी देखभाल करने के साथ उन्हें बेहतर उपचार के लिए बिलासपुर के सेन्द्री स्थित मानसिक उपचार केन्द्र भेजा जाता है एवं उपचार के उपरांत उनके समाजीकरण हेतु व्यवस्था भी करते हुए उन्हें उनके परिजनों से मिलाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता रथ भी संचालित किया जा रहा है।