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Good News: विदेशी कंपनी की नौकरी का ऑफर ठुकराया, ड्रैगन फ्रूट्स की खेती में आजमाए हाथ, अब कमा रहे लाखों

Dragon Fruit Farming News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में ड्रैगन फ्रूट्स की खेती से सिराथू के रवींद्र लाखों रुपये कमा रहे है। इसके लिए रवींद्र ने विदेश की नौकरी का ऑफर तक ठुकरा दिया। युवा रवींद्र ने खेती को करियर अपना करियर बना लिया है। रवींद्र ने इसकी शुरुआत 400 पौधे की खेती से शुरू की थी।

 

ड्रैगन फ्रूट्स की खेती से कमाए लाखों रुपये, विदेशी कंपनी की नौकरी का ऑफर भी ठुकराया, जानें क्या है तरीकाहाइलाइट्सकौशांबी के रवींद्र कुमार ने मल्‍टीनैशनल कंपनी में काम करने का ऑफर ठुकराया 10 बिस्‍वा खेत में ड्रैगन फ्रूट्स की नर्सरी तैयारी करवाई, 4 लाख सालाना कमाईप्रगतिशील युवा किसान ने विदेशी विशेषज्ञों से इस खेती का पूरा तरीका सीखा कौशांबी: सिराथू तहसील के युवा किसान रवींद्र पांडेय ने खेती को मुनाफे का सौदा करके दिखाया है। कैक्टस प्रजाति के पौधे ड्रैगन फ्रूट्स की खेती ने किसान की जिंदगी बदल दी है। 62 हजार रुपये की लागत लगा कर युवा किसान मौजूदा समय में 4 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं। गणित विषय से स्नातक रवींद्र ने विदेशी कंपनियों के ऑफर छोड़ कृषि को अपना कैरियर बना कर बेरोजगार युवाओं के लिए मिसाल बन गए है। टेगाई गांव निवासी सुरेश चंद्र पांडेय पेशे से किसान है, उनके 3 बेटे है। बड़ा बेटा प्रवीण कुमार नौसेना में सैनिक है।

रवींद्र कुमार ने स्नातक की पढ़ाई गणित विषय से कर मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने का सपना सजोए थे। सबसे छोटा बेटा अवनीश पांडेय अभी प्रयागराज से पढ़ाई कर रहा है। रवींद्र पांडेय ने बताया कि बीएससी की पढ़ाई पूरी कर वह नौकरी की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान 7 साल पहले कृषि गोष्टी में उनकी मुलाकात तत्कालीन डीएम अखंड प्रताप सिंह ने हुई। जिन्होंने उन्हें कैक्टस प्रजाति के पौधे ड्रैगन फ्रूट्स के बारे में बताया। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उसने 10 बिस्वा खेत में ड्रैगन फ्रूट्स की नर्सरी तैयार कराई। इसके बाद उनके जीवन में बदलाव का नया सवेरा लेकर आया। अब वह उन्नतशील खेती कर ड्रैगन फ्रूट्स और पौध बेच कर 4 लाख सालाना कमा रहे है। विदेशी विशेषज्ञों से सीखा तरीकारवींद्र पांडेय के मुताबिक पिता सुरेश चंद्र पांडेय के मदद से उन्होंने 62 हजार रुपये खर्च कर 400 पौध ड्रैगन फ्रूट्स की पौध रोपित की। पहले चरण के 2 वर्ष में रासायनिक खाद का प्रयोग करने के चलते पौध में अपेक्षा कृत फल नहीं आए, जिसको लेकर वह काफी निराश हुए। रवींद्र ने उसका हल खोजने के लिए इंटरनेट पर विदेशों में ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करने वाले किसानों से संपर्क किया। जिन्होंने उन्हें खेत में रासायनिक खाद का प्रयोग बंद कर जैविक खाद का प्रयोग में लाने की सलाह दी। इसके प्रयोग के बाद उन्हें उम्मीद से अधिक अच्छे परिणाम मिले। मौजूदा समय में खेत में फल लगने का खरीददार इंतजार करते है। इसके अलावा ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे गैर जनपद से आकर किसान भाई खरीद कर ले जाते है, जो अच्छी आमदनी का जरिया है। डेंगू के मरीज के लिए भी है ड्रैगन फ्रूट्स फायदेमंदकृषि वैज्ञानिक मनोज सिंह ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट्स में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें कई अन्य गुण जैसे फेनोलिक एसिड, फाइभर, फ्लेवोनोइड पाया जाता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में प्रभावी है। ड्रैगन फ्रूट्स डायबिटीज के साथ-साथ दिल को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। डेंगू मरीज के लिए यह फल राम बाण औषधि के रूप के प्रयोग में लाइ जाती है।
रिपोर्ट – अशोक विश्‍वकर्मा
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