12 अक्टूबर, 2022 को मा. आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ माह सितम्बर 2022 तक के विभागीय कार्य-कलापों के साथ-साथ माह सितम्बर तक विभाग द्वारा जोनवार प्राप्त किये गये राजस्व कृत प्रवर्तन कार्यों, दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीनों के वितरण तथा मदिरा की बोतलों को उससे स्कैन करते हुए बिक्री किये जाने की समीक्षा की गयी। साथ ही शासन द्वारा निर्धारित छः माह की कार्य योजना की भी समीक्षा की गयी। शासन द्वारा निर्धारित 06 माह की कार्य योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 06 इकाईयों को आसवनी स्थापित किये जाने की अनुमति दिया जाना तथा 07 आसवनियों का कन्स्ट्रक्शन पूर्ण कराकर उत्पादन प्रारम्भ कराया जाना निर्धारित था ।
इस सम्बन्ध में श्री संजय आर. भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा अवगत कराया गया कि शासन द्वारा निर्धारित 06 माह की कार्य योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 06 इकाईयों को आसवनी स्थापित किये जाने की अनुमति दिया जाना तथा 07 आसवनियों का कन्स्ट्रक्शन पूर्ण कराकर उत्पादन प्रारम्भ कराये जाने के कार्य की शत-प्रतिशत पूर्ति निर्धारित अवधि में कर ली गई है।
अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा यह भी बताया गया कि शासन के 06 माह की कार्य योजना में उपरोक्त के अतिरिक्त एक ब्रेवरी का कन्स्ट्रक्शन पूर्ण कराकर उत्पादन प्रारम्भ कराया जाना तथा 01 इकाई को वाइनरी स्थापित करने की अनुमति दिया जाना था, जिसकी भी शत प्रतिशत पूर्ति कर ली गई है।
प्रदेश स्तर पर 06 माह में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा के दौरान श्री सेंथिल पांडियन सी., आबकारी आयुक्त, उ.प्र. द्वारा बताया गया कि माह सितम्बर, 2022 तक विभाग द्वारा रू.18,561.60 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया है, जो गतवर्ष इसी अवधि में प्राप्त राजस्व रु.16.024.59 करोड़ की तुलना में रु. 2,537.01 करोड अधिक है। इस प्रकार राज्य सरकार को गतवर्ष के सापेक्ष इसी अवधि में लगभग 16 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
आबकारी आयुक्त द्वारा प्रदेश में किये जा रहे प्रवर्तन कार्य के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया कि विगत 06 माह के दौरान प्रदेश में अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री के कुख्यात अड्डों पर छापेमारी कर 43,621 मुकदमे दर्ज किये गये. जिसमें 12.52 लाख ली. अवैध शराब बरामद की गयी। अवैध मदिरा के कारोबार में संलिप्स 14.557 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा 512 चाहन जब्त किये गये।
मा. आबकारी मंत्री द्वारा जोन वार समीक्षा के दौरान सभी पांचों जोन वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा एवं मेरठ के संयुक्त आबकारी आयुक्त को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त किये जाने के लिये निर्देश दिये गये। इसके लिये उनके द्वारा बताया गया कि प्रवर्तन कार्य में और अधिक तेजी लाई जाय उनके द्वारा यह भी कहा गया कि जिन जनपदों में अधिक राजस्व प्राप्ति करने में कठिनाई हो रही है, उन जनपदों की समस्याओं से अवगत होते हुए सम्बन्धित संयुक्त आबकारी आयुक्त, जोन स्वयं जनपदों में जाकर उसकी समीक्षा करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करें। उनके द्वारा प्रवर्तन कार्य पर विशेष ध्यान दिये जाने का निर्देश दिया गया।
मा. आबकारी मंत्री ने समीक्षा के दौरान जोनवार च्व्ै मशीन के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए सभी दुकानों पर च्व्ै मशीने वितरित करने तथा मशीन द्वारा स्कैनिंग करते हुए मदिरा की विक्री शत-प्रतिशत किये जाने का भी निर्देश दिया गया। उनके द्वरा यह भी कहा गया कि जिन जनपदों में अभी तक पूर्ण रूप से च्व्ै मशीन का प्रयोग करते हुए विक्री नहीं हो पा रही है, यहाँ अगले एक सप्ताह में आ रही कठिनाईयों को दूर करते हुए च्व्ै मशीन से स्कैनिंग कर मदिरा बिक्री कराये जाने का कार्य अवश्य पूर्ण करा लिया जाय।
इसके अतिरिक्त मंत्री जी द्वारा सभी जोनों में माइक्रोब्रिवरी की स्थापना के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए कहा गया कि अधिक से अधिक संख्या में माइक्रोबिवरी लगाये जाने के सम्बन्ध में सार्थक प्रयास किया जाय।
बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी जोनों के अधिकारियों को मा. आबकारी मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपेक्षा की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव एवं आबकारी आयुक्त के अतिरिक्त विशेष सचिव, अपर आबकारी आयुक्त (लाइसेंसिंग), उ.प्र. के साथ समस्त जोनो के संयुक्त आबकारी आयुक्त उपस्थित रहे।
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