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UP News: अब और शहरी निकायों का नहीं होगा विस्तार… चुनाव से पहले आई ये बड़ी खबर, जानिए क्या है तैयारी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर विकास विभाग अब किसी और शहरी निकाय के विस्तार या गठन का प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाएगा। निकायों के लगातार विस्तार से परिसीमन व आरक्षण की प्रक्रिया लंबी खिंच रही है, जिसका सीधा असर निकाय चुनाव की तैयारियों पर पड़ रहा है इसलिए अब और नए प्रस्ताव नहीं आएंगे। विभाग परिसीमन व आरक्षण को अंतिम रूप देने में जुट गया है। निकाय चुनाव दिसंबर में होने के आसार हैं। प्रदेश में शहरी निकायों में पिछड़े वर्ग की आबादी के निर्धारण के लिए रैपिड सर्वे की प्रक्रिया अगस्त के दूसरे सप्ताह में ही शुरू कर दी गई थी। लेकिन इसके बाद से निकायों का लगातार विस्तार या गठन होता रहा है। इसलिए, निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए वोटर लिस्ट तैयार करने से लेकर संसाधन तय करने में दिक्कत आ रही थी। सूत्रों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सरकार के समक्ष यह समस्या उठाई थी। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी 1 नई नगर पंचायत का गठन, 4 नगर पंचायतों व 3 नगर पालिकाओं के विस्तार का फैसला लिया गया, लेकिन, अब तक चुनाव तक किसी शहरी निकाय का गठन या विस्तार नहीं किया जाएगा।

111 नए निकायों में होगा चुनाव
2017 के मुकाबले शहरी निकायों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। उस समय 653 शहरी निकायों में चुनाव हुआ था जिसमें 16 नगर निगम, 198 नगर पालिकाएं और 438 नगर पंचायतें शामिल थीं। इस बार कुल शहरी निकायों की संख्या बढ़कर 763 हो चुकी है। इस बार शाहजहांपुर को शामिल करते हुए 17 नगर निगमों में चुनाव होगा। वहीं, नगर पालिकाओं की संख्या भी 200 पार कर गई है। करीब, 546 नगर पंचायतों में इस बार चुनाव होंगे। पिछले पांच सालों में सरकार ने 126 शहरी निकायों की सीमा का विस्तार किया है। लिहाजा, शहरी क्षेत्र का दायरा और भी बढ़ा है।

दीपावली के बाद शुरू होगा पुनरीक्षण अभियान
राज्य निर्वाचन आयोग सीमा विस्तार या गठन के बाद निकायों में ट्रांसफर हुए वोटरों की पहचान व सत्यापन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुका है। दीपावली के बाद वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का अभियान शुरू होगा। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन के आधार पर आपत्तियां लेकर वोटरों के नाम जोड़े-घटा जाएंगे। इसके बाद अंतिम वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। आयोग के सूत्रों का कहना है कि नवंबर के आखिर तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी कर ली जाएगी। 2017 में तीन चरणों में चुनाव हुए थे। अधिसूचना व परिणाम के बीच कुल 35 दिन की समयावधि लगी थी। ऐसे में अगर नवंबर के आखिर में अधिसूचना जारी होती है तो दिसंबर में चुनाव व जनवरी के पहले सप्ताह में रिजल्ट आने के आसार हैं। 5 जनवरी के पहले निर्वाचन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

4 करोड़ से अधिक हो जाएंगे वोटर
2017 में शहरी निकायों में कुल 3.36 करोड़ वोटर हैं। पिछली बार चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले 20% निकायों की सीमा का विस्तार हुआ है। वहीं, कुल निकायों की संख्या में करीब 15% की बढ़ोतरी हुई है। इससे 15 हजार से अधिक नए वार्ड भी बढ़ने का अनुमान है। विस्तार व गठन के आंकड़ों को देखते हुए वोटरों की संख्या में 75 लाख से 1 करोड़ तक इजाफा हो सकता है। ऐसे में अबकी चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 4 करोड़ को पार कर जाएगी।

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि शहरी निकायों के विस्तार के अब और प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाए जाएंगे। परिसीमन व आरक्षण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही राज्य निर्वाचन आयोग को इसका विवरण भेज दिया जाएगा।

यूं बदला शहरी निकायों का भूगोल

10 से अधिक नगर निगमों की सीमाएं बढ़ीं46 नगर पालिकाओं का दायरा बढ़ा70 नगर पंचायतों का हुआ सीमा विस्तार108 से अधिक नई नगर पंचायतों का गठन763 निकाय हो गए 2017 के 653 के मुकाबले