Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

गोरखपुर: 3200 पेंशनरों से नियम विरुद्ध वसूला कर, विद्युत मूल्य और फिक्स चार्ज जोड़ा

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : PIXABAY

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

बिजली निगम की ओर से अपने विभाग के पेंशनरों से मनमाने तरीके से विद्युत कर वसूलने का मामला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो, दो महीने में लगभग डेढ़ लाख रुपये से अधिक कर नियमों के खिलाफ जमा करवाया गया है।

चर्चा है कि मामला मुख्य अभियंता के संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई के डर से यह प्रक्रिया बंद की गई है। दरअसल, आम उपभोक्ताओं की तरह बिजली निगम के 3200 पेंशनरों के घरों के बिजली कनेक्शनों की जांच भी की गई थी।

बताया जा रहा है कि पेंशन खंड के नोडल अधिशासी अभियंता संदीप मौर्या के निर्देश पर पेंशनरों को बिजली बिल के विद्युत मूल्य और फिक्स चार्ज पर 20 प्रतिशत विद्युत कर जोड़कर लगातार दो महीने (अगस्त और सितंबर) तक बिल भेजा गया।

जबकि, नियमानुसार, बिजली विभाग के पूर्व कर्मियों को विद्युत कर में छूट दी जाती है। उनसे सिर्फ विद्युत मूल्य पर ही 20 प्रतिशत कर लेने का नियम है। सामान्य उपभोक्ताओं से विद्युत मूल्य और फिक्स चार्ज पर 20 प्रतिशत कर लिया जाता है। ऐसे में बिजली निगम के पेंशनरों के पास सामान्य उपभोक्ताओं की तरह बिल पहुंचा तो उन्होंने इसकी शिकायत अभियंताओं से की।

मामले की जानकारी मुख्य अभियंता को भी हुई। उन्होंने नियमों के खिलाफ बिजली बिल लिए जाने पर नाराजगी जताई। मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि इस मामले में जानकारी के लिए अभियंता को बुलाया है।

पेंशनरों के बिजली बिल की गड़बड़ी पुरानी
नोडल अधिशासी अभियंता संदीप मौर्या ने बताया कि पेंशनरों के बिजली बिल की गड़बड़ी पुरानी है। पेंशनरों ने जानकारी दी कि शक्ति भवन से जारी निर्देश के अनुसार उन लोगों से सिर्फ विद्युत बिल पर ही कर लिया जाना है। नियम की जानकारी होने पर संशोधन कर दिया गया है।

विस्तार

बिजली निगम की ओर से अपने विभाग के पेंशनरों से मनमाने तरीके से विद्युत कर वसूलने का मामला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो, दो महीने में लगभग डेढ़ लाख रुपये से अधिक कर नियमों के खिलाफ जमा करवाया गया है।

चर्चा है कि मामला मुख्य अभियंता के संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई के डर से यह प्रक्रिया बंद की गई है। दरअसल, आम उपभोक्ताओं की तरह बिजली निगम के 3200 पेंशनरों के घरों के बिजली कनेक्शनों की जांच भी की गई थी।

बताया जा रहा है कि पेंशन खंड के नोडल अधिशासी अभियंता संदीप मौर्या के निर्देश पर पेंशनरों को बिजली बिल के विद्युत मूल्य और फिक्स चार्ज पर 20 प्रतिशत विद्युत कर जोड़कर लगातार दो महीने (अगस्त और सितंबर) तक बिल भेजा गया।

जबकि, नियमानुसार, बिजली विभाग के पूर्व कर्मियों को विद्युत कर में छूट दी जाती है। उनसे सिर्फ विद्युत मूल्य पर ही 20 प्रतिशत कर लेने का नियम है। सामान्य उपभोक्ताओं से विद्युत मूल्य और फिक्स चार्ज पर 20 प्रतिशत कर लिया जाता है। ऐसे में बिजली निगम के पेंशनरों के पास सामान्य उपभोक्ताओं की तरह बिल पहुंचा तो उन्होंने इसकी शिकायत अभियंताओं से की।

मामले की जानकारी मुख्य अभियंता को भी हुई। उन्होंने नियमों के खिलाफ बिजली बिल लिए जाने पर नाराजगी जताई। मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि इस मामले में जानकारी के लिए अभियंता को बुलाया है।

पेंशनरों के बिजली बिल की गड़बड़ी पुरानी

नोडल अधिशासी अभियंता संदीप मौर्या ने बताया कि पेंशनरों के बिजली बिल की गड़बड़ी पुरानी है। पेंशनरों ने जानकारी दी कि शक्ति भवन से जारी निर्देश के अनुसार उन लोगों से सिर्फ विद्युत बिल पर ही कर लिया जाना है। नियम की जानकारी होने पर संशोधन कर दिया गया है।