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Mathura: अंगूठियां पहने सूफी को मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोका, इमाम ने शरीयत का दिया हवाला

सांकेतिक तस्वीर

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मथुरा के दरेसी मार्ग स्थित एक मस्जिद में सूफी को नमाज न पढ़ने देने का मामला प्रकाश में आया है। यहां अजान करने पहुंचे सूफी को मस्जिद के इमाम ने सिर्फ इसलिए अजान से रोक दिया, क्योंकि वह हाथ में एक से अधिक अंगूठी पहने हुए थे। इतना ही नहीं इमाम ने सूफी को मस्जिद में नमाज न पढ़ने की भी हिदायत दी।

राष्ट्रीय फैजयाने जमात-ए-सूफीयान के प्रदेश अध्यक्ष हाजी सूफी सईद हसन दरेसी रोड से होकर गुजर रहे थे। इसी बीच नमाज का समय होने पर वह नजदीक की एक मस्जिद में नमाज पढ़ने चले गए। वहां पर जैसे ही अजान देने के लिए तैयार हुए इमाम ने उन्हें रोक दिया। 

इमाम ने शरीयत का हवाला देकर रोका 
इमाम ने शरीयत का हवाला देते हुए सूफा से कहा कि आपने हाथ में एक से अधिक अंगुठियां पहनी हुईं हैं। यह शरीयत के खिलाफ है। आप अजान ही नहीं इस मस्जिद में नमाज भी नहीं पढ़ सकते। 

सूफी सईद ने बताया कि तहरीक-ए-रसूल में किसी भी हाफिज कारी मौलवी मुफ्ती आदि को इस प्रकार से किसी मुसलमान को अजान व नमाज पढ़ने से रोकने का अधिकार नहीं है। साथ ही उसे फतवा जारी करने का अधिकार भी नहीं है। वह जल्द ही इस मसले को शहर की मुस्लिम जनता के बीच लेकर जाएंगे। उन्होंने बताया कि वह सूफी हैं, हाथ में अंगूठी पहनते हैं और खुदा की इबादत भी करते हैं। 

विस्तार

मथुरा के दरेसी मार्ग स्थित एक मस्जिद में सूफी को नमाज न पढ़ने देने का मामला प्रकाश में आया है। यहां अजान करने पहुंचे सूफी को मस्जिद के इमाम ने सिर्फ इसलिए अजान से रोक दिया, क्योंकि वह हाथ में एक से अधिक अंगूठी पहने हुए थे। इतना ही नहीं इमाम ने सूफी को मस्जिद में नमाज न पढ़ने की भी हिदायत दी।

राष्ट्रीय फैजयाने जमात-ए-सूफीयान के प्रदेश अध्यक्ष हाजी सूफी सईद हसन दरेसी रोड से होकर गुजर रहे थे। इसी बीच नमाज का समय होने पर वह नजदीक की एक मस्जिद में नमाज पढ़ने चले गए। वहां पर जैसे ही अजान देने के लिए तैयार हुए इमाम ने उन्हें रोक दिया। 

इमाम ने शरीयत का हवाला देकर रोका 

इमाम ने शरीयत का हवाला देते हुए सूफा से कहा कि आपने हाथ में एक से अधिक अंगुठियां पहनी हुईं हैं। यह शरीयत के खिलाफ है। आप अजान ही नहीं इस मस्जिद में नमाज भी नहीं पढ़ सकते। 

सूफी सईद ने बताया कि तहरीक-ए-रसूल में किसी भी हाफिज कारी मौलवी मुफ्ती आदि को इस प्रकार से किसी मुसलमान को अजान व नमाज पढ़ने से रोकने का अधिकार नहीं है। साथ ही उसे फतवा जारी करने का अधिकार भी नहीं है। वह जल्द ही इस मसले को शहर की मुस्लिम जनता के बीच लेकर जाएंगे। उन्होंने बताया कि वह सूफी हैं, हाथ में अंगूठी पहनते हैं और खुदा की इबादत भी करते हैं। 

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