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Ahoi Ashtami: मथुरा के राधाकुंड में उमड़ा आस्था का सैलाब, आधी रात से शुरू हुआ महास्नान, दीपों से जगमगाए घाट

मुख पर श्रीराधा का नाम। मन में कोई संतान सुख की चाह तो कोई मोक्ष प्राप्ति की कामना लेकर सोमवार को राधाकुंड में स्नान करने पहुंचा। ठीक रात 12 बजे श्रीराधा कृपा कटाक्ष के स्वरों के बीच महास्नान शुरू हुआ। इसके बाद आस्था रूपी संगम में डुबकी की होड़ लगने की होड़ मच गई। श्रीधाम राधाकुंड में श्रद्धा, भक्ति और विश्वास से जुड़े अहोई अष्टमी मेला के महास्नान में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 

 

सोमवार की सुबह से ही कुंड के घाटों पर भीड़ दिखाई देने लगी और रात तक सैलाब उमड़ने लगा। रात 12 बजे महास्नान शुरू हो गया। कार्तिक नियम सेवा में ब्रजवास कर रहे देशी-विदेशी भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। दो साल कोरोना संक्रमण काल के कारण दूर रहे विदेशी भी इस बार महास्नान में शामिल हुए। 

मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर्व पर रात में स्नान करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है। आस्था में मनोकामना पूरी होने के बाद भी श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। श्रीराधा-कृष्ण की लीला के प्रतीक इस कुंड में स्नान के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने गिरिराज जी की परिक्रमा करते हुए राधारानी कुंड पर पूजा अर्चना की। स्नान से पूर्व दीपदान किया गया। 

दीपदान कर मांगी मनोकामना 
अहोई अष्टमी पर्व पर रात में स्नान कर श्रद्धालुओं ने दीपदान किया। दीपदान कर मनोकामना पूर्ण होने के लिए मनौती मांगी। भक्तों ने जल रूप में विराजमान राधाकृष्ण के युगल स्वरूप की आराधना करते हुए दीपदान किया। दीनदान से राधाकुंड के घाट झिलमिल नजर आ रहे थे।

राधे की भक्ति में डूबे लोग
हाथ में माला-झोली तो मुख में राधा नाम लिए भक्तों ने राधाकुंड श्याम कुंड की परिक्रमा लगाई। हरिनाम संकीर्तन के बीच भक्तों की टोली उत्साह के साथ नाचते गाते हुए परिक्रमा लगा रही थी। श्रद्धालु राधे की भक्ति में डूबे नजर आए। 

संतान की दीर्घायु की कामना के लिए रखा निर्जला व्रत
अहोई अष्टमी का पर्व संतान सुख से जुड़ा है। राधाकुंड में यह पर्व राधा-कृष्ण की भक्ति से जुड़ा माना जाता है। व्रत संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की मंशा से किया जाता है। महिलाओं ने संतान की लंबी आयु की कामना के साथ माता अहोई की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। भगवान शिव और माता पार्वती और उनके पुत्रों की भी पूजा की गई। महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और शाम के समय तारे देखने के बाद अर्घ्य दिया और व्रत का पारण किया।

राधाकुंड में हजारों दंपती संतान सुख की चाह में राधाकुंड अहोई अष्टमी स्नान करने पहुंचे। बड़ी संख्या में ऐसे भक्त भी पहुंचे जिनकी मनोकामना पूरी हो चुकी थी। कई भक्त राधाकुंड में स्नान के लिए प्रत्येक साल डुबकी लगाने पहुंचते हैं। दिल्ली से आए दीपक पत्नी निक्की के साथ पुत्र रत्न की प्राप्ति होने पर राधारानी की आभार के लिए राधाकुंड में डुबकी लगाई। 

हरियाणा से आए अजय शर्मा ने बताया कि राधारानी की कृपा से उन्हें बच्चे हुए हैं। करनाल से आए सुनील शर्मा ने बताया कि राधारानी के सामने अरदास लगाने से कृपा पूरी हुई है। वे दस साल से स्नान करने आते हैं। दिल्ली से आये नितिन कुमार ने बताया कि वे पहली बार कुंड में स्नान करने आए हैं। उनको राधारानी की कृपा का पूरा भरोसा है।