Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई, यूपी में भी शुरू हुई तैयारी, जानिए क्या है योजना

Default Featured Image

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई की योजना पर काम तेज कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से इस प्रस्ताव में रुचि दिखाए जाने के बाद स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की ओर से इसे लागू करने की नीति तैयार की जा रही है। हिंदी में मेडिकल शिक्षा के लिए सबसे बड़ी दिक्कता क्वालिटी किताबों की होगी। इसके लिए पुस्तकों के लिखे जाने का कार्य शुरू किया गया है। यूपी सरकार किताबों के लेखन का कार्य पूरा होने के बाद इसकी गुणवत्ता की जांच कराएगी। इयसके बाद संस्थानों में मेडिकल की पढ़ाई की व्यवस्था को लागू कराया जाएगा।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक बार फिर क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई शुरू कराए जाने संबंधी बात कही। नई शिक्षा नीति के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। इससे स्थानीय भाषाओं का संरक्षण और संवर्द्धन होगा। साथ ही, अधिक से अधिक छात्र स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई उच्च स्तर तक कर पाएंगे। अभी तकनीकी कोर्स में अंग्रेजी ही मुख्य भाषा होती है। क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा शुरू होने से लोगों को बड़े स्तर पर फायदा मिलने की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार हिंदी में मेडिकल जैसी पढ़ाई को शुरू कराने का फैसला लिया गया है।

यूपी सरकार की ओर से इसी के साथ नर्सिंग कॉलेजों की संख्या में भी वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इस क्रम में नवंबर 2022 से 11 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग बीएससी की पढ़ाई शुरू की जाएगी। अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अगले सत्र से नर्सिंग की पढ़ाई कराई जाएगी। पहले चरण में जालौन, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, बदायूं, बांदा, आजमगढ़, अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में नवंबर से पढ़ाई शुरू कराने का फैसला लिया गया है। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों में पीपीपी मोड पर बिल्डिंग बनेगी।