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UP Madarsa Survey: यूपी सर्वे में पाए गए 7500 बिना मान्यता प्राप्त मदरसा… सरकार को रिपोर्ट भेजने की टाइमलाइन तय

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मदरसा सर्वे के कार्य को लगभग पूरा कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की ओर से कराए गए सर्वे में बड़ा मामला सामने आया है। सर्वे में पाया गया है कि प्रदेश में करीब 7500 ऐसे मदरसे हैं, जिनको किसी भी बोर्ड से मान्यता नहीं मिली हुई है। इस संख्या में अभी कुछ और वृद्धि हो सकती है। मदरसा सर्वे पूरा होने के बाद यूपी मदरसा बोर्ड रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। यूपी बोर्ड की ओर से जिलों में डीएम के स्तर पर मदरसों की स्थिति की जांच कराई जा रही है। इसका फाइनल सर्वे रिपोर्ट तैयार कर 15 नवंबर तक सरकार को भेजने की बात सरकार की ओर से कराया जा रहा है।

यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सभी जिलों में मदरसा सर्वे का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। 15 नवंबर तक जिला स्तर से डीएम की रिपोर्ट सरकार के स्तर पर भेजी जाएगी। राज्य भर में करीब 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को चिह्नित किया गया है। डीएम की ओर से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है। इन मदरसों के मान्यता को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।

सरकार ने 20 अक्टूबर तय की थी आखिरी तारीख
प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर यूपी सरकार की ओर से 20 अक्टूबर तक आखिरी तारीख तय की गई थी। इसके लिए सभी जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश जारी किए गए। जिलों के स्तर पर भी इस कार्य को लगभग पूरा करा लिया गया है। फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सर्वे के कार्य को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कराए जाने से संबंधित दावा मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने किया है। सरकार की ओर से रिपोर्ट 15 नवंबर तक भेजने को कहा गया है। डॉ. अहमद जावेद ने कहा कि सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

यूपी मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सर्वे के आंकड़े काफी मददगार साबित होंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से मदरसों के सर्वे को लेकर विशेष रूप से आदेश जारी किया गया था। सीएम योगी ने भी अनधिकृत रूप से चलने वाले मदरसों को बोर्ड के दायरे में लाने और वहां की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए हैं। इसके बाद यूपी मदरसा बोर्ड की ओर से कार्रवाई हुई है। बोर्ड के चेयरमैन कहते हैं कि सर्वे से आने वाले आंकड़ों के आधार पर बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था करते हुए उनका बेहतर विकास करके उन्हें देश और समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी।

असली नकली की पहचान मकसद नहीं
चेयरमैन ने साफ किया गया है कि यह सर्वे असली और नकली मदरसों को चिह्नित करने के मकसद से नहीं किया जा रहा है। इसका लक्ष्य शिक्षा और शिक्षा के केंद्र की संख्या, उनकी व्यवस्था आदि की सही जानकारी प्राप्त करना था। इससे बेहतर व्यवस्थाएं कायम की जा सकें। सीएम योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर यूपी के सभी में मदरसों के सर्वे को लेकर 11 बिंदुओं की जांच करने का आदेश आला अधिकारियों को दिए गए थे। सीएम योगी के निर्देश के बाद 20 अक्टूबर तक मदरसों के सर्वे के कार्य को पूरा कराया गया है।

यूपी के मदरसा सर्वे में सबसे अधिक 550 से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं। बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 और कानपुर में 85 से अधिक मदरसे मिले हैं। अन्य जिलों से भी मदरसा सर्वे के दौरान किसी भी बोर्ड से मान्यता लिए बिना मदरसा को चलाने की रिपोर्ट सामने आ रही है। यूपी मदरसा बोर्ड इन मदरसों को अवैध नहीं मान रही है। हालांकि, सरकार के स्तर पर रिपोर्ट आने के बाद इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर क्या आदेश जारी होता है, इस पर हर किसी की नजर रहेगी।