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Bahraich News : पिता ने 1 लाख रुपये में बेच डाली अपनी बेटी, फिर जो हुआ उसे जानकर कांप उठेंगे

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बहराइच: जनपद के एक गांव निवासी पिता और चाचा ने धोखे से अपनी नाबालिग गर्भवती बेटी को 50 साल के अधेड़ के हाथ एक लाख रुपये में बेच दिया। पीड़िता का आरोप है कि खरीदकर ले गए व्यक्ति और उसके एक रिश्तेदार ने मेरे साथ मारपीट के बाद बलात्कार किया। इस मामले में बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने लड़की को बरामद कर समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जहां से पीड़िता को वन स्टॉप सेन्टर भेज दिया गया है और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

जनपद के खैरीघाट निवासी एक लड़की को यह शक था कि उसका सगा पिता उसके छोटे भाई को जेल से छुड़ाने में खर्च होने वाले पैसे के लिए उसे बेच देगा, इसलिए उसने अपनी मर्ज़ी के लड़के से शादी कर ली। लेकिन पिता ने लड़के के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया। इससे बचने के लिए यह प्रेमी युगल उच्च न्यायालय गया।

उच्च न्यायालय में इन लोंगों ने शादी के साक्ष्य के तौर पर आर्य समाज का प्रमाण पत्र तथा बालिग होने के प्रमाण पत्र के तौर पर अपना आधार कार्ड प्रस्तुत किया जिसमें उसकी उम्र 20 साल है, इन सुबूतों के आधार पर उच्च न्यायालय ने लड़के की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश दे दिया। इस आदेश के बाद लड़की खैरीघाट पुलिस के पास गई। विवेचक ने लड़की के 161 व 164 के बयान व मेडिकल कराने के बाद उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया।

जब लड़की बाल कल्याण समिति पहुंची तो माता-पिता और लड़की के प्रेमी की तरफ से यह प्रार्थना पत्र दिया गया कि लड़की उनके सुपुर्दगी में दे दी जाए। लड़की के पिता ने लड़की का कक्षा 5 का जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था उसके आधार पर लड़की की उम्र 17 वर्ष थी जबकि मेडिकल व आधार कार्ड में लड़की की उम्र 20 से अधिक थी, लेकिन जेजे एक्ट 2015 में कहा गया कि स्कूल के ही प्रमाण पत्र को प्रथम वरीयता दी जायेगी क्योंकि स्कूल में बच्चे का नाम उसके माता-पिता लिखाते हैं जिन्होंने बच्चे को जन्म दिया है।

लिहाजा बाल कल्याण समिति ने 6 सितम्बर को एक आदेश कर लड़की को उसके माता-पिता की सुपर्दगी में दे दिया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष/मजिस्ट्रेट सतीश श्रीवास्तव, सदस्य/मजिस्ट्रेट श्रवण शुक्ला व सदस्य/मजिस्ट्रेट दीपमाला प्रधान की बेंच ने अपने सामूहिक आदेश में कहा गया कि लड़की को माता-पिता को इस शर्त पर दिया जा रहा कि वह लड़की को न तो मारे-पीटेगे न ही लड़की का गर्भपात कराएंगे। 14 सितम्बर को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

लेकिन 14 सितम्बर को जब लड़की बाल कल्याण समिति के सामने नहीं आई तो समिति ने खैरीघाट पुलिस से लड़की को प्रस्तुत करने को कहा। पुलिस लड़की को बरामद करके लाई तो उसने अपनी पूरी आपबीती समिति के सामने सुनाई। पीड़िता के बयान के आधार पर समिति ने पुलिस को दोषियों के विरूद्ध मुकदमा लिखने के लिए निर्देशित किया। समिति के निर्देश पर पिता और चाचा सहित 6 लोगो के खिलाफ लड़की बेचने और बलात्कार तथा मारपीट करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हो गया।