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कोरोना फैलाने वाले जमातियों का AAP विधायक ने किया बचाव, समर्थन में सामने आया PFI, JuH जमात-ए-हिन्द,ओवैसी JNU-जामिया का गठजोड़

पूरे देश को खतरे में डालने वाले तबलीगी जमातियों के जाहिलपन और उपद्रव की चर्चा खूब हो रही है। जिस तरह उन्होंने मेडिकल टीम और पुलिस के साथ बर्ताव किया है, उसकी पूरे देश में आलोचना हो रही है। इसी बीच जमातियों के हिमायती भी सामने आ गए हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, जामिया और जेएनयू के मुस्लिम छात्र संगठन और पीएफआई ने लकर जमातियों का समर्थन किया है।

अमानतुल्लाह ने नक़वी और आरिफ़ मुहमद पर साधा निशान

अमानतुल्लाह ने तबलीगी जमात का बचाव करते हुए मुख़्तार अबास नक़वी और आरिफ़ मुहमद खां को ही दलाल बता दिया। पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अमानतुल्लाह खान ने कहा कि पुलिस को सब पता था लेकिन इन लोगों को यहां से निकाला नहीं गया। अमानतुल्लाह ने कहा कि 23 मार्च को उन्होंने खुद पुलिस के सीनियर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी। मानतुल्लाह के इस ट्वीट का पर्दाफश मौलान साद के वायरल ऑडियो से होता है। साथ ही सवाल उठता है कि जब जमात के लोग बाहर निकलने के लिए तैयार थे, तो उन्हें निकालने के लिए एनएसए अजीत डोभाल को यों हस्तक्षेप करना पड़ा ?

ओवैसी की उलटबांसी, कोरोना फैलाने वाली तबलीगी जमात के मरने वालों को शहीद का दर्जा मिले

तबलीगी जमात के चलते कोरोना संक्रमण के मामले के देशभर में फैलने का खतरा दिखाई दे रहा है। मगर ्रढ्ढरूढ्ढरू पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी कुछ दूसरा ही राग छेड़ रहे हैं। उन्होंने तबलीगी जमात के कोरोना से संक्रमित होकर मरने वाले लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग कर डाली। इस नाजुक दौर में मीडिया से ही खुंदक निकालते दिखाई दे रहे हैं।

निजामुद्दीन मरकज के साथ खड़ा हुआ जामिया


उधर जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी ने तबलीगी जमात मामले में तीन पृष्ठ का बयान जारी किया
है। कमेटी ने ट्वीट कर कहा, “उनकी (तलीगी जमात के उपस्थित लोग) गलती यह थी कि उन्होंने अपने लोगों को नहीं छोड़ा, जो कि सरकार के ठीक विपरीत हैं, जिन्होंने प्रवासी मजदूरों को सड़क पर उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। हम इस सरकार की विफलताओं को

Islamophobic fantasies और communal tantrums के ऊपर नहीं जाने देंगे। हम निजामुद्दीन मरकज के साथ खड़े हैं। ” छ्वहृ से उठी जमात के खिलाफ दर्ज स्नढ्ढक्र को रद्द करने
की मांग जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी ने बयान जारी किया, वैसे ही जेएनयू के मुस्लिम छात्र संगठन ने तबलीगी जमात के खिलाफ दर्ज स्नढ्ढक्र को रद्द करने की मांग को लेकर एक पोस्टर जारी किया, जिसमें लिखा है, “मैनेजमेंट के खिलाफ स्नढ्ढक्र रद्द करें।

तबलीगी जमात को बदनाम करने की हो रही साजिश-PFI


पीएफआई का कहना है कि निजामुद्दीन मरकज ने कुछ भी गलत नहीं किया। सरकार और मीडिया प्रॉपेगंडा फैलाकर इसे बदनाम कर रही है।

मौलाना साद एवं अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करना निंदनीय- PFI


मंगलवार को जारी प्रेस रिलीज में पीएफआई ने कहा कि लॉकडाउन में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा करने का दोष मरकज पर मढ़कर मौलाना साद एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना बिल्कुल निंदनीय है।