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केजरीवाल ने ईमान खो दिया

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गुरु अन्ना हजारे ने कहा कि सत्ता और पैसा लोगों को क्या बना देगा कह नहीं सकते। केजरीवाल पर तंज कसते हुए अन्ना ने कहा कि उस समय (लोकपाल आंदोलन) ये भी बोल रहे थे कि हम सत्ता में आएंगे तो सरकार से तनख्वाह नहीं लेंगे, गाड़ी नहीं लेंगे, बंगला नहीं लेंगे। ये सब बोल रहे थे। अभी अन्य पार्टियों से भी इनकी तनख्वाह ज्यादा है, ये ठीक नहीं है। सत्ता और पैसे के लिए ईमान खो देना ये ठीक नहीं है। सत्ता-पैसा आज है कल नहीं। ईमान तो ईमान होता है। शुरू में लोकपाल के लिए हमलोगों ने आंदोलन किया और वो साथ में थे। लेकिन जब वे सत्ता में चले गए उसके बाद मेरे जो भी अनशन हुए, उसका पता तक करने की जहमत नहीं उठाई कि अनशन में क्या हो रहा है। पहले मैं देखता था उनमें कुछ गुण था लेकिन कुर्सी पर बैठते ही बुद्धि पलट गई। उन्होंने कहा कि जिस अन्ना को वो एक दिन गुरु कहते थे आज रास्ता छोड़कर चले जाते हैं इसका मुझे दुख है। जब से वे मुख्यमंत्री बने हैं तब से हमारी कोई बात नहीं हुई है। उनका रास्ता अलग हो गया है। आज बंगला लिया, गाड़ी लिया, सबकुछ लिया, तो ये ठीक नहीं है। लोगों को जो हमने जुबान दिया है, उसे बदलना ठीक बात नहीं है।

इससे पहले सामाजित कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने नई शराब नीति को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 30 अगस्त 2022 को चिट्ठी लिखकर कड़ी फटकार लगाई थी। अन्ना हजारे में अपने पत्र में लिखा कि राजनीति में जा कर मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं। उन्होंने लिखा है कि जिस प्रकार शराब का नशा होता है, उस प्रकार सत्ता का भी नशा होता है। आप भी ऐसी सत्ता की नशे में डूब गए हो। अन्ना हजारे ने पत्र में लिखा है कि आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको खत लिख रहा हूं। पिछले कई दिनों से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उन्हें पढ़कर दुख होता है। उन्होंने लिखा है कि आप हमारे गांव रालेगण सिद्धि आ चुके हैं। यहां आपने शराब, बीड़ी, सिगरेट आदि पर रोक की प्रशंसा की थी। राजनीति में आने से पहले आपने ‘स्वराज’ नाम से एक किताब लिखी थी। इस पुस्तक में आपने ग्रामसभा, शराब नीति के बारे में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं। तब आपसे बहुत उम्मीद थी, लेकिन राजनीति में जाकर मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं।