प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कोरोना संकट पर देशभर के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा करेंगे। संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान उनकी मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा होनी है। एक, राज्यों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास। दूसरे 20 अप्रैल से गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त छूटों के क्रियान्वयन पर राज्यों का फीडबैक और तीसरे, तीन मई के बाद की क्या रणनीति हो। हालांकि इस दौरान राज्यों की तरफ से भी अपने मुद्दे रखे जा सकते हैं। इनमें आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुख हैं।
बैठक में तीन मई को समाप्त हो रहे लॉकडाउन के दूसरे चरण को लेकर भी चर्चा होगी। विचार विमर्श के दौरान भविष्य के कदमों को लेकर भी संकेत मिलेंगे। लॉकडाउन को सभी राज्यों ने पूरा समर्थन दिया है, हालांकि इससे उनकी आर्थिक और दूसरी समस्याएं बढ़ी है। कई राज्यों ने केंद्र से आर्थिक पैकेज देने और राज्यों के भीतर सीमित गतिविधियां शुरू करने की मांग की है।
बैठक में प्रधानमंत्री इस बारे में भी संकेत दे सकते हैं कि राज्यों की मांगों पर केंद्र क्या कदम उठा सकती है। गृह मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देशों में कई तरह की छूट देकर आर्थिक गतिविधियां व व्यापारिक गतिविधियों को करने की छूट भी दी है। इस पर अभी तक अमल को लेकर भी चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात में जिस तरह कोरोना को जनता की लड़ाई करा दिया है और सावधानी हटी दुर्घटना घटी शब्द का इस्तेमाल किया है, उससे कुछ और समय तक लॉकडाउन जारी रह सकता है।
मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ प्रवासी मजदूरों को लेकर भी चर्चा हो सकती है। दरअसल लॉकडाउन में एक बड़ी समस्या प्रवासी मजदूरों की है जो देश के विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं और अपने गांव को लौटना चाहते हैं। कई राज्यों ने इनको अपने घरों तक पहुंचाने के लिए केंद्र से विशेष ट्रेनें और बसें शुरू करने का आग्रह भी किया है।
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