Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

तीन लोगों की मौत के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट में हड़कंप,

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में आधा दर्जन से अधिक गांव अब डेंगू की जद में आ गए हैं। डेंगू बुखार से तीन लोगों की मौत के बाद से हेल्थ डिपार्टमेंट में हड़कंप मचा हुआ है। डेंगू के तेजी से बढ़ रहे केसों को लेकर अब डिपार्टमेंट ने टीमें लगाई है। डेंगू बुखार के निशाने में आए गांवों में कैंप लगाकर मरीजों की जांच टीम कर रही हैं। जिले में अभी तक 40 मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं।

लोगों का कहना है कि हमीरपुर जिले में बारिश के बाद मच्छरों के सफाए के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। इसके कारण अब यहां डेंगू का कहर शहर से लेकर गांवों तक बरपने लगा है। बड़ी तादाद में मरीज कानपुर और झांसी में इलाज कराने को मजबूर हुए हैं। पिछले चौबीस घंटे के अंदर मवई जार, खड़ेही जार और इटैलियाबाजा, मिहुंना, पड़ई, समेत आधा दर्जन से अधिक गांवों में डेंगू ने दस्तक दे दी है।

हर रोज आ रहे डेंगू के मामले
पूर्व सरपंच रामपाल यादव ने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा है। हर रोज डेंगू के नए मामले सामने आ रहे हैं। पूर्व सरपंच ने बताया कि कुछ दिन पहले बदनपुर गांव में एक मजदूर और मिहुंना गांव में एक महिला की डेंगू से मौत हो चुकी है। पूर्व सरपंच ने कहा कि मौतों के बावजूद बीमारी के नियंत्रण के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। इधर जिला अस्पताल में बुखार के मरीजों की भारी भीड़ उमडने से चिकित्सक परेशान हैं।

कैंप लगाकर की जा रही मरीजों की जांच
अस्पताल के सीएमएस डॉ. केके गुप्ता ने बताया कि आज अस्पताल की लैब में बीस मरीजों की जांच हुई, जिसमें दो मरीजों में डेंगू के लक्षण मिले हैं। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि जिले में अभी तक 36 से अधिक डेंगू के केस मिले हैं। बताया कि खड़ेहीजार और मिहुंना सहित अन्य गांवों में टीमें भेजी गई हैं। कैंप लगाकर मरीजों की जांच कराई जा रही है। बताया कि हमीरपुर शहर के अमनशहीद मुहाल में भी डेंगू का एक मरीज मिला है। इसके मद्देनजर फॉगिंग कराई जा रही है।

दो दिन में डेंगू से गई तीन लोगों की जान
डेंगू बुखार को लेकर ग्रामीणों में हाहाकार मच गया है। राठ कस्बे के पठानपुरा मुहाल निवासी अमजद (27) दुबई की एक कंपनी में नौकरी करता था। ये छुट्टी पर अपने घर लौटा था। पिछले दिनों तेज बुखार आने पर जांच कराई गई तो डेंगू के लक्षण मिले। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने सीएचसी से उसे झांसी रेफर कर दिया। परिजनों ने बताया कि इलाज के दौरान अमजद की मौत हो गई। सरीला क्षेत्र के इटैलियाबाजा गांव निवासी छत्रपाल सिंह राजपूत (36) की भी डेंगू से मौत हो गई। ऐसे ही चंडौत गांव निवासी धीरेन्द्र (33) की भी रीजेन्सी कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि धीरेंद्र एसबीआई कानपुर में कैशियर के पद पर तैनात था।
रिपोर्ट-पंकज मिश्रा

You may have missed