मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार भ्रष्टाचार में इस कदर डूब चुकी है कि ऐसा कोई विभाग ही नहीं बचा है जहां भ्रष्टाचार नहीं हो। इनके भ्रष्टाचार की जड़ें कहां-कहां तक फैली है, यह पता करना भी आसान काम नहीं है। भ्रष्टाचार के नित नए खुलासे सामने आ रहे हैं और अब मजदूरों को मदद करने के नाम पर घोटाला सामने आया है। केजरीवाल की सरकार निर्माण श्रमिकों के नाम पर भी घोटाला कर लेगी यह किसी ने सोचा नहीं होगा। दिल्ली में प्रदूषण की वजह से हर साल कुछ महीनों के लिए निर्माण कार्य पर पाबंदी लग जाती है। दिल्ली सरकार ने 2021 में भी नवंबर माह में वायु प्रदूषण के कारण निर्माण गतिविधियों को बंद कर दिया था। इस कारण इन श्रमिकों की आजीविका में आई रुकावट के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने हर पंजीकृत निर्माण श्रमिक को पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान किया था। लेकिन निर्माण श्रमिकों को मदद पहुंचाने के नाम पर भी घोटाला कर लिया गया। दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (DBOCWWB) के कामकाज में कथित अनियमितताओं की शुरुआती जांच में पाया गया है कि इसके साथ रजिस्टर्ड करीब दो लाख निर्माण मजदूर फर्जी हैं। इस योजना के तहत एक मजदूर को 5000 रुपये दिए जाने थे। अगर फर्जी मजदूर 2 लाख हैं तो इस हिसाब से यह 100 करोड़ रुपये का घोटाला है। हालांकि कहा तो यह जा रहा है की फर्जी मजदूरों की संख्या 2 लाख से कहीं ज्यादा है। तो अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इनके नाम पर सरकारी खजाने से निकले करोड़ों रुपये किसकी जेब में गए?
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