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अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं अनुप्रिया पटेल, बोली- अपनों के पीछे से हो रहे बहुत सारे बाहरी हमले

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपना दल एस का राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। वहीं इस कार्यक्रम के दौरान अनुप्रिया पटेल ने अपना दल एस को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिलने पर सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को हर ताकत, साजिश और षड्यंत्र से सावधान रहने के लिये भी कहा। उन्होंने कहा 2012 में अपना दल का सिर्फ एक विधायक था, आज राज्य स्तर की पार्टी बन गई है।

अनुप्रिया पटेल ने अपनों पर बोला हमला
वहीं अनुप्रिया पटेल ने कहा जैसे जैसे अपना दल की ताकत बढ़ती गई, वैसे ही तमाम तरह के षड्यंत्र भी शुरू हो गए। जिसके स्वर अपनों के बीच से ही उठने लगे। अनुप्रिया ने कहा बहुत आक्रमण और बहुत प्रहार होते आ रहे है अपने तो प्रहार कर ही रहे है। अपनों के पीछे से बहुत सारे बाहरी भी प्रहार कर रहे हैं।

अनुप्रिया ने कहा ये सिलसिला अभी और बढ़ेगा, जैसे जैसे अपना दल की ताकत बढ़ेगी। पिछले 2-3 विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जिस तेजगति के साथ आगे बढ़ना शुरू किया है। ये आक्रमण और बढ़ते जाएंगे। अपनों के आक्रमण हमे दिनरात सहन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा अपना दल को बढ़ाने के लिये मैंने कभी अपने व्यक्तिगत जीवन की भी चिंता नहीं की।

विरोधियों से सावधान रहें कार्यकर्ता- केंद्रीय मंत्री
अनुप्रिया पटेल ने कार्यकर्ताओ को सावधान करते हुए कहा कि अब पेट मे दर्द शुरू, इसलिये तमाम लोगों के कंधे इस्तेमाल किये जायेंगे। बहुत सारे ऐसे लोग होंगे जिनकी कोई जमीन नहीं होगी, वो अपना कंधा उधार दे देंगे कि लो भाई मेरे कंधे पर बंदूक रखकर अपना दल पर बंदूक चलाने का काम करो। जो मुखौटे नजर आते हैं उनके पीछे बहुत सारी ताकतें, साजिश और षड्यंत्र हैं। ये समय आप सबके सावधान होने का है। अपना दल आक्रमण चौतरफा किया जाएगा। क्योंकि अपना दल राज्य स्तरीय पार्टी बन चुकी है।

पिता को याद कर भावुक हुईं अनुप्रिया पटेल
वहीं अपने पिता डॉ. सोनेलाल पटेल को याद करते हुए अनुप्रिया पटेल भावुक हो गई। उन्होंने कहा 17 अक्टूबर 2009 का वो काला दिन जब डॉक्टर साहब हमारे बीच में नहीं रहे, वो अचानक हम सबका साथ छोड़ कर चले गए। अनुप्रिया ने बताया कि उस वक्त अपना दल से उनका रिश्ता सिर्फ इतना था कि उनके पिता सोनेलाल पटेल अपना दल के कर्ताधर्ता थे। अपना दल को बनाने से लेकर बढाने तक पार्टी से जुड़े लोगों ने उनका साथ दिया था। डॉक्टर साहब की जलती चिता के साथ लाखों कार्यकर्ताओं के आंखों पर आंसू देखा था जिन्हें भूल नहीं सकती।

अपना दल आज ऊंचाइयों पर खड़ा- अनुप्रिया
अनुप्रिया पटेल ने कहा मेरे पिता व अपना दल के संस्थापक जो सपना छोड़ कर गए हैं, जिन कार्यकर्ताओं की फौज को अपने पीछे छोड़कर गए है उसका नेतृत्व करना मुझे सीखना ही होगा। वही उन्होंने ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ लाइनों को कहते हुए कहा कि अपना दल ने उस जीत को हासिल करने का काम किया है। अपना दल को आज ऊंचाइयों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

2012 में सिर्फ एक विधायक था- अनुप्रिया
उन्होंने बताया कि 2012 में हमने वाराणसी से अपना पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज कर विधानसभा में पहुंचे थे। तब तमाम विपक्षी दलों ने अपना दल को लेकर तमाम तरह की बाते की थी जिससे अपना दल के कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंचती थी। अपना दल का भविष्य सबको अंधकार में नजर आता था लेकिन हमारे करोड़ो कार्यकर्ताओं ने ऐसे तमाम विपक्षी लोगों को निरुत्तर करने का काम किया है। उन्होंने कहा अपना दल करोड़ो कार्यकर्ताओं की तपस्या और संघर्ष से बना हुआ है।