Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में आयात में कटौती पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत को अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों के डिजाइन तैयार करने, उन्हें विकसित करने और उनका निर्माण करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करनी चाहिए और ‘मेक इन इंडिया’ को आगे ले जाते हुए अपनी घरेलू क्षमताओं को मजबूत करना चाहिए।

उन्होंने भारत में मजबूत एवं आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग सुनिश्चित करने के लिए संभावित सुधारों पर चर्चा करने के लिए हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। यह उद्योग सशस्त्र बलों की लघु एवं दीर्घकालिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मोदी ने कोविड-19 की पृष्ठभूमि में अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किए जाने की पहलों पर चर्चा की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं अन्य मंत्री भी शामिल हुए।

इस बैठक में आयुध कारखानों की कार्यप्रणाली में सुधार, खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, संसाधन आवंटन पर ध्यान केंद्रित करने और अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने पर चर्चा की गई। इस दौरान अहम रक्षा प्रौद्योगिकियों में निवेश आकर्षित करने एवं निर्यात को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई।

पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता एवं निर्यात के दोहरे उद्देश्य को पूरा करते हुए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी से भारत को रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्रों में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल करने पर जोर दिया।

बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि देश में मौजूदा औद्योगिक भूमि, भूखंडों, परिसरों आदि में पहले से परखे क्षेत्रों की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक योजना विकसित की जानी चाहिए और इन्हें जरूरी वित्तीय समर्थन भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

मोदी ने बैठक के दौरान सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेशकों को बनाए रखने, उनकी समस्याओं को देखने तथा उन्हें समयबद्ध तरीके से सभी आवश्यक केंद्रीय और राज्य मंजूरियां प्राप्त करने में मदद करने के हर संभव कदम सक्रियता से उठाये जाने चाहिए। मोदी ने बाद में एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि बैठक में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह के निवेश बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा, ”भारत में सुधार की दिशा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गयी ताकि आर्थिक वृद्धि को तेज किया जा सके।