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कार्तिक पूर्णिमा और काशी विश्वनाथ मंदिर का स्थापना

बाबा भोले की नगरी काशी में इस बार की देव दीपावली अनोखे और अनूठे शुभ संयोग के बीच मनाई जा रही है।   कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर चंद्रग्रहण की वजह से एक दिन पहले यानि आज (सोमवार) को देव दीपावली पर्व मनाया जा रहा है। इस कारण आज का यह दिन कई मायनों में खास हो गया है।

आज बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का स्थापना दिवस भी मनाया जा रहा है। इसके साथ ही सोमवार को भगवान शिव का दिन होने की वजह से यह तिथि कई मायनो में शुभ संयोगों वाली हो गई है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष आयोजन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का स्थापना दिवस आज वैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर मनाया जा रहा है। मंदिर परिसर में आकर्षक साज सज्जा की गई है। दोपहर एक बजे से तीन बजे तक बाबा विश्वनाथ मंदिर में तुलसी दल से सहस्त्रार्चन होगा। इस दौरान ब्राह्मणों द्वारा पूजा पाठ का आयोजन होगा। इसके बाद 21 ब्राह्मणों का सम्मान भी मंदिर में किया जाएगा।

यह पर्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाता है। वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भोग आरती के उपरांत प्रथम विश्वनाथ जी का व द्वितीय वैकुंठ जी का षोडशोपचार पूजन होगा। तीन से पांच बजे के बीच 51 किलोग्राम लड्डू का भोग लगाकर दर्शनार्थियों के बीच प्रसाद वितरण किया जाएगा।

बाबा विश्वनाथ के धाम में पहली बार देव दीपावली के भव्य आयोजन की तैयारी है। गंगा द्वार से लेकर बाबा की चौखट तक पग-पग पर फूलों की खूशबू और खूबसूरती श्रद्धालुओं का मन मोह रही है। धाम का निर्माण होने के बाद पहली बार देव दीपावली का आयोजन होने जा रहा है।  भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता में बताया कि काशी की गरिमा को यहां के सांसद नरेंद्र मोदी ने गति देने का काम किया है।

बाबा के धाम को फूलों से विशाखापत्तनम के एक व्यक्ति द्वारा सजाया जा रहा है। श्रद्धालु द्वारा 50 टन फूलों से बाबा दरबार सजाया-संवारा जा रहा है। सजावट ऐसी है कि धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को लोकार्पण समारोह की यादें जेहन में फिर से ताजा हो जाएंगी। विशाखापट्टनम के कारीगर सुबह से ही बाबा के धाम को सजाने में लगे हुए थे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि धाम के लोकार्पण के बाद इस साल पहली देव दीपावली है। ऐसे में इसे भव्य रूप में सजाया गया है।

कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण के दौरान आठ नवंबर को शहर के मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में गर्भगृह से लेकर परिसर के सभी विग्रहों के मंदिरों के कपाट तीन घंटे तक बंद रहेंगे। वहीं अन्नपूर्णा मंदिर का कपाट चार घंटे और श्री संकटमोचन मंदिर के कपाट लगभग 10 घंटे बंद रहेंगे।

दोपहर 3.30 बजे से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही अन्य सभी विग्रहों के कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे। शाम को 6.30 बजे उग्रह पूजा के बाद मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा।  मां अन्नपूर्णा मंदिर का कपाट  अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक बंद रहेगा। संकट मोचन मंदिर ृके कपाट सुबह 8.10 पर बंद हो जाएगा और शाम को मोक्ष के बाद मंदिर खुलेगा।

बाबा भोले की नगरी काशी में इस बार की देव दीपावली अनोखे और अनूठे शुभ संयोग के बीच मनाई जा रही है।   कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर चंद्रग्रहण की वजह से एक दिन पहले यानि आज (सोमवार) को देव दीपावली पर्व मनाया जा रहा है। इस कारण आज का यह दिन कई मायनों में खास हो गया है।

आज बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का स्थापना दिवस भी मनाया जा रहा है। इसके साथ ही सोमवार को भगवान शिव का दिन होने की वजह से यह तिथि कई मायनो में शुभ संयोगों वाली हो गई है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष आयोजन

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का स्थापना दिवस आज वैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर मनाया जा रहा है। मंदिर परिसर में आकर्षक साज सज्जा की गई है। दोपहर एक बजे से तीन बजे तक बाबा विश्वनाथ मंदिर में तुलसी दल से सहस्त्रार्चन होगा। इस दौरान ब्राह्मणों द्वारा पूजा पाठ का आयोजन होगा। इसके बाद 21 ब्राह्मणों का सम्मान भी मंदिर में किया जाएगा।