मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सवेरे आकाशवाणी में प्रसारित विशेष भेंटवार्ता कार्यक्रम में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों, जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए गए फैसलों, इस लड़ाई में राज्य सरकार के साथ आमजनता, विभिन्न सामाजिक संगठनों और अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा दिए गए सहयोग की विस्तार से चर्चा की। श्रमिकों को मनरेगा के माध्यम से और वनवासियों को लघु वनोपजों के संग्रहण से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उपायों की भी उन्होंने जानकारी दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि आने वाला समय छत्तीसगढ़ के लिए चुनौती भरा समय रहेगा। लेकिन हमने इसके लिए तैयारी कर ली है। जरूरतमंदों को रोजगार और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई, लोगों को राशन सहित अन्य जरूरी सेवाओं की प्रदायगी के लिए पुख्ता तैयारी की गई है। सभी के सहयोग से कोरोना को परास्त करने में सफल होंगे। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव में छत्तीसगढ़ के लोगों के धैर्य और संयम की प्रशंसा करते हुए इस कार्य में सहयोग देने वाले सभी सामाजिक संगठनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों और मीडिया प्रतिनिधियों की सराहना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संकट में सरकार सभी वर्गों के लिए काम कर रही है, जिससे इस संकट के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो। जरूरतमंदों के लिए जून माह का भी राशन निःशुल्क दिया जा रहा है, इसके अलावा स्कूलों, आंगनबाड़ियों और उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। वहीं स्कूली बच्चों और गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को सूखा राशन का वितरण किया गया है। लोगों को रोजगार उपलब्ध करने गांवों में मनरेगा और अन्य विभागीय कार्यो में रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि कार्यों के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी गई है, उद्योगों में भी काम-काज शुरू हो गया है।
केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुझाव पर श्रमिक, यात्री, विद्यार्थी और पर्यटकों की वापसी के लिए ट्रेन सुविधा प्रारंभ की है। पहले केन्द्र सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे हुए श्रमिकों एवं अन्य लोगों को लाने के लिए राज्यों को बसों की व्यवस्था करने के संबंध में कहा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की केन्द्रीय गृह मंत्री से चर्चा के बाद ट्रेन सुविधा प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने के लिए केन्द्र सरकार से विशेष ट्रेन का आग्रह किया है। गृह मंत्री से हुई चर्चा में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, असम, जम्मू कश्मीर, केरल, तेलंगाना से मजदूरों को बस से लाना व्यवहारिक नहीं होगा। बस की बजाए टेªन ज्यादा सुविधाजनक होगा।
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