वीएन दास, अयोध्या: राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के साथ अब रामलला के उस विग्रह के निर्माण को लेकर भी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसे भव्य मंदिर के गर्भ गृह में 2024 की मकर संक्रांति पर स्थापित किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि देश के जाने-माने मूर्तिकारों से रामलला के प्रारूप (आर्ट वर्क) मांगे गए हैं। इनमें से दो पिछली मंदिर ट्रस्ट की बैठक में आ गए थे। दो और प्रारूप अब आ गए हैं। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज को संतों से मंत्रणा कर अंतिम राय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदिर ट्रस्ट की बैठक में जल्द ही इस पर मुहर लग सकती है। इसके बाद उसी मुद्रा के मुताबिक मूर्तिकार, रामलला के विग्रह का निर्माण करेंगे। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक जितनी तेजी से मंदिर का निर्माण हो रहा है, उससे दिसंबर 2023 से पहले ही मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार हो जाएगा। मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी टाटा इंजिनियरिंग सर्विसेज और लार्सन ऐंड टुब्रो की इंजिनियरिंग टीम ने समय सीमा के भीतर ही मंदिर के ग्राउंड फ्लोर को तैयार करने का पूरा आश्वासन दिया है।
परकोटा का निर्माण दिसंबर से
डॉ. मिश्र ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर के गर्भ गृह में संगमरमर व अन्य हिस्सों में वंशी पहाड़पुर राजस्थान के जितने पत्थर लगने हैं, वे निर्माण के साथ ही तैयार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 10 हजार नक्काशीदार पत्थरों से मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार हो जाएगा। इसको तीन कार्यशालाओं में पत्थर तराशने का काम चल रहा है। पिलर बीम व छत के लिए पत्थरों पर खूबसूरत नक्काशी की जा रही है। मंदिर के परकोटे का दिसंबर 2022 से शुरू हो सकता है।
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