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Vinay Pathak Case : कानपुर विवि के कुलपति विनय पाठक को तगड़ा झटका, किसी भी वक्त हो सकती है गिरफ्तारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक (Prof Vinay Pathak) को तगड़ा झटका लग गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने विनय पाठक मामले में सुनवाई करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है। दरअसल विनय पाठक ने अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते गिरफ्तारी व एफआईआर रद्द करने को लेकर याचिका दायर की थी। वहीं कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रो. विनय पाठक की गिरफ्तारी पर तलवार लटक गई है माना जा रहा है कि किसी भी विनय पाठक की गिरफ्तारी हो सकती है।

मिल रही जानकारी के मुताबिक, हाल ही में न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था जिसकी सुनवाई 15 नवम्बर को होनी थी।

मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी विनय पाठक को करारा झटका दे दिया, और उनकी याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने जांच एजेंसी को गिरफ्तारी के आदेश भी दे दिए हैं। बता दें,विनय पाठक की ओर से वरिष्ठ वकील LP मिश्र और सरकार की तरफ़ से वरिष्ठ वकील जयदीप माथुर व AAG विनोद शाही ने बहस की थी।

क्या है पूरा मामला
आगरा यूनिवर्सिटी में टेंडर के बदले कमीशनखोरी के मामले में फंसे प्रो.पाठक पर जबरन बंधक बनवाकर पैसे वसूलने का आरोप है। पीड़ित की माने तो इन्होंने अजय मिश्रा के साथ मिलकर कई अन्य बिलों को पास करने के नाम पर पीड़ित से रुपए वसूलते रहे। आरोप है कि अजय मिश्रा ने इंटरनेशनल बिजनेस फार्म्स अलवर राजस्थान के खाते में करीब 73 लाख रुपये भी ट्रांसफर करवाएं थे। पीड़ित के मुताबिक, अबतक उससे करीब डेढ़ करोड़ रुपए की कमीशन ली गई है। वहीं इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। इसके साथ प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर भी प्रो. विनय पाठक हैं।
इनपुट-अभय सिंह

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