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कॉपी चेक करने वाली कंपनी भाग गई, चिट्ठियां तक नहीं हो रही रिसीव, बिना VC विनय पाठक कानपुर यूनिवर्सिटी का हाल बेहाल

कानपुर : करीब 20 दिन से सीएसजेएम कानपुर यूनिवर्सिटी में कुलपति विनय पाठक की गैर-मौजूदगी से नियमित कामों पर असर पड़ने लगा है। कहा जा रहा है कि परीक्षाओं की कॉपियां चेक करने और रिजल्ट बनाने वाली कंपनी काम छोड़कर भाग गई है। कानपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स असोसिएशन के संरक्षक विवेक द्विवेदी ने बताया कि कुलपति दफ्तर पहुंच रहीं चिट्ठियां तक लौटाई जा रही हैं।

अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी विनय पाठक दफ्तर नहीं पहुंचे हैं। उनकी अनुपस्थिति में काम प्रति-कुलपति सुधीर अवस्थी संभाल रहे हैं। कुलपति के न होने से शुरुआत में तो कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन बाद में कामों पर असर पड़ने लगा। द्विवेदी ने बताया कि छात्र-छात्राओं के प्रैक्टिकल होने हैं। वीसी की गैर-मौजूदगी में इस पर कोई फैसला लेने वाला नहीं है। एग्जाम की कॉपियां चेक करने, रिजल्ट बनाने और संशोधन करने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया था। इस कंपनी के कर्मचारी काम छोड़कर भाग गए हैं।

कॉलेजों के प्रिंसिपल विवि में चिट्ठियां भेज रहे हैं, तो वहां वीसी दफ्तर में रिसीव न कर दूसरे विभाग को भेजा जा रहा है। नियमित समस्याओं पर कॉलेजों के प्रिंसिपलों के फोन भी कोई रिसीव नहीं कर रहा है। एक गंभीर समस्या यह भी है कि एक्स-स्टूडेंट्स को परीक्षाएं नहीं देने का नियम बनाया गया है। उन्हें दोबारा दाखिला लेने के लिए कहा जा रहा है। इस मामले में कुलपति को ज्ञापन दिया जाना था, लेकिन किसी को कुछ नहीं पता। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि उनका काम सिर्फ परीक्षाएं कराना है।

छुट्टी का पता नहीं
सीएसजेएमयू के प्रति-कुलपति सुधीर अवस्थी ने बताया कि कुलपति की छुट्टी राज्यपाल दफ्तर से स्वीकृत होती है। प्रफेसर पाठक की छुट्टी के बारे में कुछ पता नहीं। कुलाधिपति दफ्तर से छुट्टी पास भी हुई है तो इसकी कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि सुधीर अवस्थी का दावा है कि नियमित कामों पर वीसी की अनुपस्थिति का कोई असर नहीं पड़ा है।