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अंधे-बहरे बनकर 5 लाख लिए और घर वालों को दिला दी जॉब, UP में होमगार्ड की नौकरी के लिए हुआ ‘खेल’

लखनऊ: होमगार्ड में रिटायरमेंट से पहले स्थायी अपंगता दिखाकर आश्रितों को नौकरी दिलाने और पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि लेने का ‘खेल’ सामने आया है। इसमें होमगार्ड के अधिकारियों और सीएमओ बोर्ड की मिलीभगत भी सामने आई है। बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए शासन ने वर्ष 2021 में इस संबंध में जारी किया गया शासनादेश निरस्त कर दिया है। साथ ही 20 से ज्यादा आश्रितों की नियुक्ति भी रोक दी गई है। फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा मामले गोरखपुर से सामने आए हैं। वहां के कमांडेंट के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। साथ ही शासनादेश के लाभार्थियों की जांच करवाई जाएगी।

27 सितंबर 2012 में होमगार्ड के स्थायी रूप से अपंग होने पर एक आश्रित को नौकरी देने का शासनादेश हुआ था। 13 अगस्त 2021 को सरकार ने होमगार्ड के नौकरी के दौरान स्थायी रूप से अपंग होने पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि व आश्रित को नौकरी देने का आदेश जारी किया। शुरुआत में तो एक-दो आवेदन आए, लेकिन कुछ दिन बाद अचानक मामलों की संख्या बढ़ गई। इस बीच, शासन को गोरखपुर से इस व्यवस्था के दुरुपयोग की शिकायतें मिलीं। डीजी होमगार्ड बीके मौर्या ने गोरखपुर के मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया। डीआईजी, ट्रेनिंग विवेक कुमार, वरिष्ठ स्टाफ अफसर आरके आजाद और कनिष्ठ स्टाफ अफसर अवनीश कुमार सिंह ने मामले की जांच की।

अनुग्रह राशि व आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। शासनादेश संशोधन के साथ जारी किया जाएगा। सभी मामलों की जांच करवाई जाएगी,जो गलत पाए जाएंगे उनसे अनुग्रह राशि और आश्रितों की नौकरी वापस ली जाएगी। विधिक कार्रवाई भी होगी।

– अनिल कुमार,अपर मुख्य सचिव होमगार्ड

लाभ के लिए बन गए अंधे-बहरे
जांच में खुलासा हुआ कि रिटायरमेंट के करीब होमगार्डों ने सीएमओ बोर्ड से मिलीभगत कर खुद को अंधा, बहरा व लोकोमोटिव डिसेबल (ठीक से चल-फिर न पाना) दिखा दिया। गोरखपुर के आठ लोग शासनादेश के लाभार्थी भी बन गए। लेकिन दूसरा बोर्ड बनाकर इनकी जांच की गई तो नौकरी के दौरान स्थायी अपंगता की बात गलत साबित हुई। इसके बाद इनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी गई। जांच में गोरखपुर के कमांडेंट अरुण कुमार सिंह को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

100 से ज्यादा ले चुके हैं फायदा
इस व्यवस्था का प्रदेश भर में करीब 100 से ज्यादा होमगार्ड फायदा ले चुके हैं। इनमें करीब 90 होमगार्डों को अनुग्रह राशि मिल चुकी है व आश्रित नौकरी कर रहे हैं। वहीं, गड़बड़ी सामने आने के बाद 18 होमगार्डों के आश्रित जो नियुक्तिपत्र पाने के बाद ट्रेनिंग कर रहे थे, उनके प्रशिक्षण पर रोक लगा दी गई है।