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भारत में USB टाइप C अनिवार्य होगा: निर्णय के पीछे लाभ, कारण और चिंताएँ

बहुत जल्द भारत में USB टाइप C अनिवार्य होगा और भारत को अलग-अलग चार्जर रखने की समस्या से निजात मिल जाएगी, सभी फोन में एक ही पोर्ट होगा।

कई देशों में संगत उपकरणों के लिए एक सामान्य चार्जर की मांग है। इसी बीच अब भारत भी स्मार्ट डिवाइस के लिए यूएसबी-सी टाइप का कॉमन चार्जिंग पोर्ट बनाने जा रहा है। हाल ही में, सरकार ने सभी संगत स्मार्ट उपकरणों के लिए चार्जिंग पोर्ट को मानक बनाने के लिए हितधारकों के साथ विचार-विमर्श समाप्त किया। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने एक बैठक के दौरान इसकी घोषणा की।

USB-C एक एकल केबल के माध्यम से डेटा और पावर दोनों को प्रसारित करने के लिए एक उद्योग-मानक कनेक्टर है। USB-C कनेक्टर को USB इम्प्लीमेंटर्स फोरम (USB-IF) द्वारा विकसित किया गया है। USB-IF की 700 से अधिक सदस्य कंपनियाँ हैं। इन सदस्यों में Apple, Dell, HP, Intel, Microsoft और Samsung शामिल हैं।

यूएसबी प्रकार सी भारत फोन डेमो | स्रोत: गूगल यूजर फ्रेंडली

इस कॉमन पोर्ट के आने से लोगों को हर बार नए डिवाइस के लिए नया चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं होगी। सरकारी टास्क फोर्स की बैठक में, सभी हितधारकों ने यूएसबी टाइप-सी को सभी फोन के लिए डिफ़ॉल्ट चार्जर के रूप में अपनाने पर सहमति व्यक्त की है। सरकार सभी फोन, टैब, लैपटॉप और अन्य पोर्टेबल डिवाइस के लिए एक कॉमन चार्जर की तलाश कर रही है।

भारत में USB C प्रकार के लाभ

यूबीसी टाइप-सी चार्जर किसी भी अन्य चार्जर की तुलना में काफी तेज है। यह ऐपल के लाइटनिंग चार्जर से भी तेज है। इसकी कीमत भी Apple के लाइटनिंग चार्जर से कम है। आपको बता दें कि यूरोपियन यूनियन ने 2024 तक सभी स्मार्टफोन्स के लिए टाइप-सी चार्जर अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में ऐपल को भी यह फैसला मानना ​​पड़ा। इस नए नियम से जनता नए फोन में पुराने चार्जर का ही इस्तेमाल कर सकेगी। इससे ई-कचरा कम करने में भी मदद मिलेगी।

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