कोविड-19 के दौरान ऑफिस भले ही बंद हों, पर इस बीच कंपनियों में अनौपचारिक बोर्ड और कमिटी मीटिंग्स की संख्या बढ़ गई है। कंपनियां अब निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी ला रही हैं। लगातार बदलती हुई परिस्थितियों में कंपनियों को अब तत्काल निर्णय लेने की जरूरत हो रही है।
इनफॉर्मल मीटिंग्स पर भी दिया जाता है जोर
आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका कहते हैं कि अनौपचारिक मीटिंग भी काफी असरकारक साबित होती है। उनके मुताबिक, हम लोगों ने परिस्थितियों पर विचार करने के लिए कई इनफॉर्मल मीटिंग की है। हमारी मैनेजमेंट टीम हर दिन मिलती है। बोर्ड को ब्रीफ करती रहती है, ताकि उनकी सलाह तुरंत ली जा सके। इस इनफॉर्मल मीटिंग के कारण मैनेजमेंट टीम तेजी से योजनाओं को लागू कर सकती है।
हर व्यक्ति घर में बंद है, इसलिए मीटिंग आसानी से हो रही है
टीवीएस मोटर्स के चेयरमैन वेणू श्रीनिवासन कहते हैं कि बजट को मंजूरी, वरिष्ठ मैनेजमेंट का चुनाव, नए प्रोडक्ट के प्लांट को रिस्टार्ट करने जैसे निर्णयों को अनौपचारिक वीडियो कॉल के जरिए लिया जाता है। इसकी वजह से समय बच जाता है। हम अब तेजी से निर्णय ले रहे हैं। हर एक व्यक्ति इस समय अपने घर में बंद हैं। इससे अनौपचारिक मीटिंग में आसानी से सब लोग शामिल हो जा रहे हैं। टाटा संस ने पिछले महीने फंडिंग प्लान पर विचार करने के लिए तत्काल मीटिंग का आयोजन किया था। इसमें कंपनी के सभी डाइरेक्टर शामिल थे। विदेश वाले भी डाइरेक्टर्स को इसमें शामिल किया गया था।
अब मीटिंग्स में सदस्य गैरहाजिर नहीं होते हैं
एक अग्रणी एक्जिक्युटिव ने कहा कि अब तक जितनी बैठकें होती थीं, उसमें एक दो सीनियर डाइरेक्टर गैर हाजिर हो जाते थे। लेकिन इस समय हर मीटिंग में बोर्ड के तमाम सदस्य उपस्थित रहते हैं। कारण कि इस समय गंभीर परिस्थितियों को वे समझ रहे हैं और तेजी से निर्णय लेने में मदद कर रहे हैं। इस समय जिन मीटिंग्स की जरूरत नहीं है, वे कैंसल की जा रही हैं।
बिजनेस को आगे बढ़ाने पर दिया जा रहा है जोर
इससे पहले जेंडर इंडिया के एक सर्वे में भी इसी तरह की जानकारी सामने आई है। बिजनेस को किस तरह से चलाया जाए, पोर्टफोलियो और बिजनेस की क्वालिटी, इंडस्ट्रीज का स्टेटस, सरकारी घोषणाओं के असर आदि की चर्चा करने के लिए तमाम सेक्टर की बोर्ड मीटिंग बढ़ गई है। सर्वे के मुताबिक शुरुआती चरण में कर्मचारियों की तंदुरुस्ती और सुरक्षा पर ज्यादा जोर दिया गया था। लेकिन अब बिजनेस के प्रदर्शन को सुधार कर आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मिनटों में तैयार हो जाते हैं सदस्य
बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजुमदार शॉ ने बताया कि आज अगर किसी बात पर चर्चा करनी होती है तो हम एक मिनट के अंदर तैयार हो जाते हैं। तमाम अप्रूवल या बोर्ड के सर्कूलर की जरूरत नहीं होती है। किसी भी फैसले को तेजी से मंजूरी मिल जाती है। आदित्य बिरला ग्रुप के एक अधिकारी के मुताबिक सैलरी में कटौती, उत्पादन को रोकने या शुरू करने जैसे निर्णयों को बोर्ड सदस्यों के साथ विचार विमर्श कर लिया जाता है। एशियेन पेंट्स के एमडी और सीईओ अमित सिंगल ने बताया कि इस समय में मैनेजमेंट के निर्णय को तेजी से लिया जाता है। इसे पूरे बोर्ड का समर्थन मिलता है।
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