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गांव के घरों में 2024 तक पाइप लाइन से पानी की सप्लाई : भूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के हर घर में 2024 तक नल के जरिए स्वच्छ पेयजल पहुंचाने राज्य सरकार मिशन मोड में कार्य करेगी। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। बघेल ने मंगलवार को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मिशन के लिए राज्यांश 25 प्रतिशत रखने की मांग की। बघेल ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर यह मिशन समय-सीमा के अंदर पूरा करेंगे। बता दें कि फिलहाल इस मिशन में केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा बराबर- बराबर खर्च करने का प्रावधान है। 
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि इसके लिए कैंपा, मनरेगा और 15 वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस कांफ्रेंस में जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, पीएचई मंत्री गुरू रूद्रकुमार, एसीएस सुब्रत साहू, जल संसाधन सचिव अविनाश चंपावत भी थे। 
30 हजार नालों को पुनर्जीवित करेंगे
सीएम बघेल ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों खासकर बस्तर में बड़ी वॉटर बॉडी नहीं है। यदि हर घर को पानी देना है, तो इसके लिए जल की व्यवस्था भी करनी होगी। सीएम ने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के 30 हजार नालों को पुनर्जीवित किया जाएगा। वर्तमान में 1100 नालों के लिए काम शुरू कर दिया गया है। इस योजना के माध्यम से वाटर रि-चार्जिंग कर निस्तार, पीने के पानी, सिंचाई और औद्योगिक गतिविधियों के लिए पानी की कमी नहीं होगी।
बोधघाट परियोजना को मंजूरी देने की मांग
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि बस्तर क्षेत्र की बोधघाट सिंचाई परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में स्वीकृति के लिए भेजी गई है। इस योजना से नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में सिंचाई होगी और इन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा। चौबे ने शेखावत से बोधघाट प्रोजेक्ट पर स्वीकृति तथा छत्तीसगढ़-ओड़िशा के मध्य जल विवाद हल करने में सहयोग का आग्रह किया। इससे प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू किया जा सकेगा और क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।