Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

अम्फान के असर का जायजा लेने प. बंगाल और ओडिशा दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, 57 दिनों बाद दिल्ली से निकलेंगे बाहर

Default Featured Image

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना संकट से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार शुक्रवार को दिल्ली से बाहर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान अम्फान के असर का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के प्रभावित इलाकों में हुई भारी तबाही की जानकारी दी और प्रधानमंत्री से इसका जायजा लेने के लिए दौरे की अपील की। प्रधानमंत्री ने उनकी अपील पर अगले ही दिन दौरे की योजना बना ली है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान से अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है।

ध्यान रहे कि देशव्यापी लॉकडाउन के 57 दिन हो चुके हैं। इस बीच प्रधानमंत्री दिल्ली में ही रहे हैं। इन 57 दिनों में उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय बैठकों में हिस्सा लिया। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री ने 57 दिनों तक लगातार दिल्ली में रहते हुए किन-किन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है…

मुख्यमंत्रियों के साथ 5 मीटिंग
प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा से पहले 20 मार्च को देश के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की थी। उसके बाद 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’
और फिर 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ कुल पांच बार मीटिंग की है। पहली मीटिंग 20 मार्च को, दूसरी 2 अप्रैल को, तीसरी 11 अप्रैल को, चौथी 27 अप्रैल को और पांचवीं 11 मई को उनकी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत हुई।

राष्ट्र के नाम संबोधन
प्रधानमंत्री कोरोना संकट के दौरान तीन बार राष्ट्र को संबोधित भी कर चुके हैं। उन्होंने 24 मार्च को, 14 अप्रैल को और फिर 12 मई को राष्ट्र को संबोधित किया। 24 मार्च को उन्होंने पहली बार लॉकडाउन का ऐलान किया और फिर 14 अप्रैल को इसे बढ़ाकर 3 मई तक करने की घोषणा की। 12 मई को आखिरी राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कोरोना संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। हालांकि, लॉकडाउन से ठीक पहले भी उन्होंने 20 मार्च को राष्ट्र को संबोधित किया और देशवासियों से 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ रखने ी अपील की थी।

पत्रकारों से बातचीत

23 मार्च को कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों से बात की। सभी प्रमुख टीवी चैनल्स के एडिटर्स और मीडिया समूहों के प्रमुख पत्रकारों ने इसमें हिस्सा लिया।

वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत
पीएम ने लॉकडाउन के पहले दिन यानी 25 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पार्टी कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कोरोना संकट में लोगों की मदद करने और जरूरी जागरूकता फैलाने की अपील की थी।

सरपंचों से बात
पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल को सरपंचों से बात की थी। उन्होंने देश के अलग-अलग गावों की पंचायतों के प्रधानों से सीधी बात की। लॉकडाउन की स्थितियों के बीच हुए इस संवाद में पीएम ने सभी से उनके गांव में कोरोना को रोकने के लिए हो रहे इंतजामों पर फीडबैक लिया। इसके अलावा सरपंचों की ओर से गांव में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से बचाव के लिए किए प्रयासों की सराहना की। इस क्रम में पीएम ने जम्मू-कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र और असम से लेकर यूपी तक के सरपंचों से लंबी चर्चा की।