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किसान, मजदूर और वनवासियों की जेब में पैसा आने से व्यवसाय में होगी बढ़ोत्तरी: सीएम

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के किसानों, मजदूरों और वनवासियों की जेब में पैसा आने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूती होगी, बल्कि इससे ग्रामीण और शहरी व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी। पिछले साल हमने देखा है कि किसानों की ऋण माफी और 2500 क्विंटल में धान खरीदी से देशव्यापी मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ इससे अछूता रहा, यह इस साल भी होगा। मुख्यमंत्री बघेल ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित विशेष भेंटवार्ता में कोरोना संकट के दौर में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाएं गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही प्रदेश की जनता से बड़ी अपील करते हुए कहा, सभी लोग बचाव को ही जीवन का अनिवार्य अंग बनाए।

मुख्यमंत्री बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए इसे लागू करने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा, राज्य सरकार द्वारा पिछले साल किसानों की ऋण माफी और 25 सौ प्रति क्विंटल में धान खरीदी की गई थी, लेकिन भारत सरकार के निर्देशानुसार हमें इस साल समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदी करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। किसानों को उनका हक देने के लिए राजीव गांधी किसान योजना लागू की।

जंगल में रहने वालों को मिलेंगे 2500 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ के 44 प्रतिशत वनांचल में आदिवासी और परंपरागत निवासी रहते हैं। जिनकी अर्थव्यवस्था लघु वनोपज पर आधारित है। लॉकडाउन की वजह से लघु वनोपज की खरीदी बंद थी। ऐसे समय में स्व सहायता समूहों के माध्यम से महुआ और इमली की खरीदी की शुरुआत की है। इसके बाद तेंदूपत्ता के काम को भी हमने रोका नहीं। भारत सरकार ने महुआ का समर्थन मूल्य 17 रुपए तय किया था। जब मांग बढ़ी तो छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे 17 से बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया। जंगल में रहने वाले हमारे भाई बहन हैं उनकी जेब में 2500 करोड़ रुपए आएगा।

पलायन रोकने लगाएंगे 70 लाख फलदार पौधे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल से आवश्यकता पूरी होने पर आदिवासी कभी पलायन नहीं करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जंगल से आंवला, चिरौंजी और आम के पेड़ काटने लगे, जिससे उनकी आय के स्रोत कम हुए। इसे देखते हुए इस साल 70 लाख फलदार पौघे जैसे हर्रा, बहेरा, चिरौंजी, आंवला आदि लगाएंगे, जिससे आय के स्रोत बनेंगे।

सभी श्रमिक हमारे मेहमान है, मदद के लिए आग आएं
मुख्यमंत्री ने कहा अन्य राज्यों से आने वाले सभी श्रमिक हमारे मेहमान है। सरकार इनके भोजन, पानी, स्वास्थ्य जांच, चरणपादुका और उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है। आम जनता से भी मेरी अपील है कि एेसे श्रमिकों की मदद के लिए अन्य लोग भी आगे आए।

कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ अच्छा व्यवहार करें
मुख्यमंत्री ने कहा, जो कोरोना पॉजिटिव मरीज आए हैं उनके साथ हम लोगों को अच्छा व्यवहार करना चाहिए। मैं समझता हूं कि पहले प्रथम चरण में हम सभी छत्तीसगढ़ के लोगों ने मिलकर काम किया है। संकट में घबराने की आवश्यकता नहीं है।

श्रमिकों को करे एडजस्ट
मुख्यमंत्री ने कहा, यहां के उद्योगों में काम कर रहे श्रमिक बाहर गए हैं, बाहर से श्रमिक यहां आ रहे हैं। उद्योगों को इन श्रमिकों को एडजस्ट करना चाहिए और इनको अवसर देना चाहिए। हमारी कोशिश है कि सब को रोजगार दे सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 90 प्रतिशत से अधिक औद्योगिक प्रतिष्ठान हैं, जो शुरू हो चुके हैं। अभी ये पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनकी क्षमता बढ़ती जाएगी।