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11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालु आए, 27 करोड़ रुपये का आया चढ़ावा

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काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक बाबा विश्वनाथ को 27 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया गया है। लोकार्पण के बाद से अब तक यहां पर 40 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा है।
बाबा विश्वनाथ के धाम में लोकार्पण के बाद से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। नए वर्ष के पहले दिन सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए तो वहीं सावन के महीने में श्रद्धालुओं का आंकड़ा सवा करोड़ तक पहुंच गया था। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से अब तक 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन पूजन किया है।
वहीं धाम में हुए खर्च की बात करें तो अप्रैल 2021 में 38 लाख और मई 2021 में 76 लाख रुपये खर्च हुए थे। अप्रैल 2022 में 31 लाख और मई माह में एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें वेतन, सामान्य खर्च, व्यवस्था और आकस्मिक खर्च भी शामिल हैं। सीईओ ने बताया कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा था। उससे पहले चढ़ावे का आंकड़ा सालाना 10 से 12 करोड़ रुपये तक ही होता था।

गर्भगृह और बाहरी दीवार पर लगा है 60 किलोग्राम सोना
बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह और बाहरी दीवार को 60 किलोग्राम सोने से मढ़ा गया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार 37 किलोग्राम सोना गर्भगृह में और 23 किलोग्राम सोना बाहरी दीवारों पर लगाया गया है। दक्षिण भारत के श्रद्धालु ने यह सोना मंदिर को दान में दिया था।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के 33 भवनों में से 14 भवनों की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इनमें मोक्ष की कामना के लिए आने वालों के लिए मुमुक्षु भवन, बाबा के प्रसाद के लिए अन्नपूर्णा भवन, सुरक्षा व प्रशासनिक व्यवस्था के लिए पिनाक व नीलकंठ पैवेलियन, विश्वनाथ द्वार (गोदौलिया गेट), शक्ति भवन, (यूटिलिटी भवन) शौचालय, गंगा दर्शनम (गंगा व्यूइंग गैलरी), ललिता घाट (ललिता पथ), जलासेन पथ (रैंप बिल्डिंग) केदार भवन, ओंकारेश्वर भवन (यात्री सुविधा केंद्र) शुरू हो चुके हैं। इसके साथ ही शंकराचार्य चौक (मंदिर चौक) और भैरवनाथ द्वार (गंगा प्रवेश द्वार) का काम भी पूरा हो चुका है।
जल्द शुरू होंगे यह भी भवन
टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, महाकालेश्वर भवन, अमृत भवन (जलपान केंद्र), मानसरोवर (कैफे बिल्डिंग),  एम्पोरियम, रामेश्वर भवन (सिटी म्यूजियम), सोमनाथ भवन (वाराणसी गैलरी), घृष्णेश्वर भवन (स्पिरिचुअल बुक स्टोर), व्यास भवन (वैदिक केंद्र ), भीमाशंकर अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) त्रयंबकेश्वर भवन (मल्टीपर्पज हॉल ) कार्तिकेय वाटिका (गोयनका छात्रावास), अमरनाथ संकुल (ब्लॉक 2), महाकालेश्वर भवन (टीएफसी), पशुपति संकुल (वैदिक शाप), कार्तिकेय संकुल (ब्लॉक 4) मल्लिकार्जुन भवन (यात्री सुविधा केंद्र ), कैलाश संकुल शॉप-2, अमरनाथ संकुल ब्लॉक-2 भवन भी जल्द शुरू हो जाएंगे।

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई है। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक बाबा विश्वनाथ को 27 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया गया है। लोकार्पण के बाद से अब तक यहां पर 40 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा है।

बाबा विश्वनाथ के धाम में लोकार्पण के बाद से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। नए वर्ष के पहले दिन सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए तो वहीं सावन के महीने में श्रद्धालुओं का आंकड़ा सवा करोड़ तक पहुंच गया था। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से अब तक 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन पूजन किया है।

वहीं धाम में हुए खर्च की बात करें तो अप्रैल 2021 में 38 लाख और मई 2021 में 76 लाख रुपये खर्च हुए थे। अप्रैल 2022 में 31 लाख और मई माह में एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें वेतन, सामान्य खर्च, व्यवस्था और आकस्मिक खर्च भी शामिल हैं। सीईओ ने बताया कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा था। उससे पहले चढ़ावे का आंकड़ा सालाना 10 से 12 करोड़ रुपये तक ही होता था।