छत्तीसगढ़ में अब लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलेगा। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लाख की खेती को कृषि का दर्जा देने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वन विभाग के अधिकारियों ने लाख की खेती के फायदे बताए। वन विभाग ने इस संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव में बताया कि लाख की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद और उपयुक्त है जिसको ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताई।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कृषि, वन और सहकारिता विभाग को समन्वय कर मिलाकर लाख और इसके जैसी अन्य लाभकारी उपज को कृषि में शामिल करने का प्रस्ताव मंत्री परिषद की अगली बैठक में रखने का निर्देश दिया है।
राज्य में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलने से लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को फायदा होगा। इन किसानों को भी सहकारी समितियों से अन्य किसानों की तरह आसानी से ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
अधिकारियों की माने तो छत्तीसगढ़ में लाख की खेती की अपार संभावनाएं है। यहां के किसान कुसुम, पलाश और बेर के पेड़ों में परंपरागत तरीके से लाख की खेती करते आ रहे हैं लेकिन व्यवस्थित और आधुनिक तरीके से खेती न होने पर किसानों को उतना लाभ मिल पाता है।
वन विभाग ने लाख की खेती को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से इसे कृषि का दर्जा देने का सुझाव दिया था ताकि ऐसे किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से आसानी से ऋण मिल सके।
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