छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार पर्यटन पर खासा जोर दे रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल को पत्र लिखा है, उन्होंने कॉन्सेप्ट प्लान को केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना में स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है.
मुख्यमंत्री बघेल ने लिखा है कि प्रभु श्रीराम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चौमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया था. अत: छत्तीसगढ़ को दक्षिण पथ भी कहा जाता है. इस दौरान उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में 09 स्थलों का चयन किया गया है. इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचैका (कोरिया), रामगढ़ (अम्बिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल हैं.
राम वन गमन पर्यटन परिपथ में प्रस्तावित 09 स्थलों को लेते हुए पर्यटन विभाग द्वारा एक कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया गया है, जिसकी लागत 137.45 करोड़ रूपए है.केन्द्र सरकार को इस कॉन्सेप्ट प्लान को स्वदेश दर्शन योजना में स्वीकृति प्रदान करनी चाहिए.
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