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मनरेगा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली गति

छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत बड़े पैमाने पर कार्याें की स्वीकृति दी है। इससे रेाजगार मूलक कार्याें में श्रमिकों को नियोजित करने का काम किया गया है। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में मनरेगा के कार्य संचालित होने से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है। वैश्विक महामारी के संक्रमण के दौर में महात्मा गांधी मनरेगा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का प्रमुख केंद्र बिन्दु साबित हो रही है। लॉकडाउन में एक ओर जहॉ अन्य सभी कार्य बंद थे, वैसे में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत संचालित कार्य मजदूरों के लिए सार्थक कदम साबित हुआ है। लॉकडाउन की इस विषम परिस्थिति में मजदूर सोशल व फिजिकल दूरी, मॉस्क, सैनिटाइजर, हैण्डवाश का उपयोग करते हुए समय-समय पर जारी शासन के निर्देशो का पालन करते हुए मनरेगा का कार्य किए ।

जशपुर जिला मनरेगा में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हितग्राही मूलक कार्यो में सर्वाधिक कार्य स्वीकृति व श्रमिकों को नियोजित करने में राज्य में प्रथम स्थान पर है। जिले ने माह मई में मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को 100 फीसदी प्राप्त कर लिया है। माह मई में मानव दिवस 12 लाख 92 हजार 11 के विरूद्ध में 11 लाख 10 हजार 283 मानव दिवस अर्जित कर लिया गया है। इस प्रकार मई महीने के लक्ष्य के विरूद्ध 140 प्रतिशत मानव दिवस अर्जित किया गया है।
    इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जशपुर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान महात्मा गांधी नरेगा के कार्य प्रारंभ होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है। ग्रामीण कोरोना संक्रमण के रोकथाम व बचाव के सभी निर्देशो का पालन करते हुए मनरेगा के कार्य को संपादित हो रहे हैं। हितग्राही मूलक व सामुदायिक कार्यो के साथ-साथ कृषि संबंधी कार्य व ’’जल संवर्धन व संरक्षण’’ के अधिकाधिक कार्यो को प्राथमिकता देते हुए योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वैश्विक महामारी के दौरान बचाव के समस्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने हेतु पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायकों को निर्देशित किया गया है।