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प्राइवेट स्कूलों के 16 जून तक किस्त में फीस जमा करने और नर्सरी के बच्चों की ऑनलाइन क्लास चलाने के खिलाफ पैरेंट्स ने बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की है।

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राजनांदगांव. सरकार ने स्कूल खोलने पर रोक जरूर लगा दी है। ऐसे में स्कूल अब ऑनलाइन एजुकेशन देने के नाम पर फीस मांग रहे हैं। हालांकि, पैरेंट्स इस फीस को किस्त में जमा कर सकते हैं। इसके लिए पैरेंट्स को मैसेज किया जा रहा है कि नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चों की भी ऑनलाइन क्लास लगेगी। ऐसे में उन्हें 16 जून को फीस की पहली किस्त देनी होगी। इसको खिलाफ छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन बाल संरक्षण आयोग पहुंच गया है। 

दरअसल, प्राइवेट स्कूलों की ओर से पैरेंट्स को मैसेज भेजकर फीस की पहली किस्त जमा कराने के लिए कहा गया है। इससे बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित हो सके। जबकि सरकार की ओर से स्कूलों को खोलने के संबंध में अभी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसको लेकर छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को संज्ञान लेने के लिए एक शिकायत दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल ने फीस पर रोक लगाने की मांग की है।

बस और ट्रांसपोर्ट की फीस भी मांग रहे स्कूल

वहीं एसोसियेशन की सेक्रेटरी कीर्ति चावड़ा ने भास्कर से बातचीत में कहा कि स्कूलों की ओर से जबरदस्ती का दबाव बनाया जा रहा है। पैरेंट्स से बस और ट्रांसपोर्ट तक की फीस मांगी जा रही है। जबकि बच्चे स्कूल जा ही नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ऑनलाइन क्लास का कोई फायदा नहीं हो रहा है। जब तक लिंक पर क्लिक करते हैं, क्लास रूम बंद कर दिया जाता है। कई जगह नेटवर्क की समस्या होने से बच्चे नहीं पढ़ पा रहे हैं। 

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