लॉकडाउन के दौरान सोने की कीमतों ने कई रिकॉर्ड बनाए। 17 मई को 47861 रुपये पहुंच कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया था। इसके बाद से सोने के रेट में उतार-चढ़ाव जारी है। सर्राफा बाजार में पिछले सात कारोबारी दिनों में सोना 199 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1635 रुपये प्रति किलो ग्राम टूट चुकी है। विशेषज्ञ इसके पीछे कई कारण बताते हैं। इस साल सोने की कीमत 53,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान लगाने वाले मार्केट के जानकार अब सोने में गिरावट की आशंका जता रहे हैं।
केडिया कमोडिटी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया के मुताबिक कोरोना संकट में दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों की ओर से नीतिगत दरों में कटौती की वजह से अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में है और सोना सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर जाना जाता है, लेकिन इधर कई देशों ने लॉकडाउन खोलकर अर्थव्यवस्था में जान फूंक दी है। ऐसे में लोग निवेश के अन्य विकल्पों पर ध्यान देने लगे हैं।
अजय केडिया कहते हैं कि शेयर बाजार में भी रौनक बढ़ने लगी है। इस बीच निवेशकों का रुझान भी सोने से कम होकर इक्विटी वैल्यूएशन की ओर बढ़ा है। वहीं इस समय कोई भू-राजनीतिक तनाव नहीं है। भारत और चीन के बीच तनाव है जो अक्सर टल जाता है। पिछले दो साल में सोना 50% से अधिक रिटर्न दिया है। ऐसे में अब मुनाफावसूली हावी है। लोग पुराने सोने भी बेच रहे हैं क्योंकि पुराने सोने को बेचने के लिए उच्च कीमतें आकर्षक हैं।
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