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नेहरू की सोच ने देश को चीन के साथ युद्ध में हराया

भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध को कोई नहीं भूल सकता है। 20 अक्टूबर से 21 नवबंर चले इस युद्ध के पीछे के कारणों का खुलासा लेफ्टिनेंट कर्नल रोहित अग्रवाल ने किया है। रोहित अग्रवाल ने 20 सालों तक भारतीय सेना के अहम पदों पर काम किया है। लेफ्टिनेंट कर्नल रोहित अग्रवाल ने 28 अगस्त, 2018 को किए गए ट्वीट में लिखा था कि 1962 में चीन ने युद्ध अचानक से नहीं किया था। यह पंडित नेहरू की दुनिया के बारे में बनायी हुई सोच में जीने का परिणाम था, जिसमें उन्होंने दूसरों की सलाह पर ध्यान नहीं दिया।देश के पहले प्रधानमंत्री  नेहरू ने सुरक्षा के मामले में देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल और 1957 से 1961 के बीच चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ थिमैया की सलाहों को सुनने और समझने से इंकार कर दिया। देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इन दोनों ने ही पंड़ित नेहरु को चीन को लेकर भारत के सैन्य क्षमता के बारे में समय-समय पर आगाह किया, लेकिन नेहरू ने इनकी सलाह को तवज्जो नहीं दी, जिसका परिणाम 1962 में चीन से युद्ध के रूप में देखना पड़ा।