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Sultanpur News: विसरा रिपोर्ट खोलेगी लक्ष्मी की मौत का राज, आग की लपटों में घिरने से 3 साल की बच्ची की मौत

सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में 4 साल पहले अरविंद चौरसिया के घर आई लक्ष्मी जलाकर मार दी गई। ऐसा मृतका की मां का आरोप है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी इस बात के संकेत दे रहे हैं। वहीं लक्ष्मी को आग में घिरा देख उसकी 3 साल की बेटी रिद्धि उर्फ गौरी दौड़ पड़ी। आग की लपटों ने उसे भी अपने चंगुल में ले लिया, जिससे झुलस कर उसकी मौत हुई। पीएम में उसके जिस्म पर फफोलों के निशान मिले हैं। डॉक्टर ने लक्ष्मी का विसरा सुरक्षित रखते हुये जांच में भेजने की बात कही है।

पति समेत चार आरोपी भेजे गए हैं जेल
घटना रविवार तड़के 3:30 बजे के आसपास का बताया जा रहा है। मृतका के मायके आजमगढ़ के फूलपुर में सूचना सुबह 5:45 पर पहुंचती है। मृतका की मां बरफा देवी की तहरीर पर पति अरविंद चौरसिया, ससुर चंद्रराम चौरसिया, सास राजकुमारी देवी और देवर गोलू चौरसिया उर्फ प्रिंस के खिलाफ हत्या, दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज हुआ। सोमवार को चारों आरोपियों को जेल भेजा गया है।

मां के शव से 2 मीटर दूरी पर था बेटी का शव
कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के सूरापुर स्थित तवक्कलपुर नगरा बाजार में कपड़ा व्यवसाई अरविंद चौरसिया की पत्नी लक्ष्मी और बेटी रिद्धि का अधजला शव घर के पीछे हाते में मिला था। मां के शव से करीब 2 मीटर के फासले पर उसकी बेटी का शव औंधे मुंह पड़ा था। दिल को झकझोर कर रखने वाले इस हादसे की खबर घर में सबसे पहले मृतका के पति और उसके बाद उसके ससुर को चंदराम को हुई लेकिन आस-पड़ोस वालों को डेढ़ से दो घंटे बाद पता चला। आखिर क्या आग लगने के बाद महिला और उसकी बच्ची चीखी चिल्लाई नहीं? यदि उन्होंने मदद को गुहार लगाया तो किसी ने सुना क्यों नहीं।

क्या डेढ़ बिस्से जमीन के लिए हुई घटना?
12 मई 2018 को लक्ष्मी और अरविंद चौरसिया की हिंदू रीति-रेवाज शादी हुई थी। हैसियत के अनुसार दान दहेज भी दिया गया था। आरोप है कि विवाह के बाद से दामाद सुसराल वाले दहेज को लेकर बेटी को ताना मारते जो उसने अपनी मां से बताया था। उधर साल भर पहले लक्ष्मी के पिता की मौत हुई है। वही आरोप ये भी है कि मृतका का भाई विक्रम चौरसिया मंदबुद्धि है, ऐसे में डेढ़ बीघा जमीन पर सुसरालियों की नजरें गड़ी थी। जमीन के इस टुकड़े की अक्सर मांग होती और अंत में इसीलिये दो की जिंदगी खत्म कर दी गई।

4 दिन पहले ही मायके से लौटी थी लक्ष्मी
अगर इस आरोप को सत्य मान लिया जाए कि मृतका की हत्या सुसराल वालों ने किया, तो सवाल ये अहम है कि मृतका के भाई ने करीब 12 साल पहले फांसी लगाकर आत्महत्या किस बात को लेकर किया। यही नहीं सुसराल पक्ष का कहना है कि हाल ही में लक्ष्मी एक महीने तक मायके में रही, घटना से चार दिन पहले ही वो सुसराल लौटकर आई। तो चार दिन में ऐसा हुआ क्या कि उसे जिंदगी की कीमत मौत के रूप में चुकानी पड़ी।

चार आरोपियों में एक नाम मृतका के देवर गोलू उर्फ प्रिंस का भी है। वो शेखपुर जौनपुर में डीजे का काम करता था। बताया जा रहा है कि वो रहता भी वहीं था। तो घटना के दिन वो घर पर कैसे पहुंच गया। ये वो सवाल हैं जो पुलिस की विवेचना और आरोपियों के बयान के बाद ही सामने आएंगे।