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दरोगा भर्ती का फर्जीवाड़ा: दो से तीन लाख रुपये हर व्यक्ति से ली जाती थी एडवांस धनराशि

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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : iStock

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23 नवंबर 2021 को एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने दारोगा भर्ती परीक्षा में धांधली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस मामले में गिरफ्तार अनुभव सिंह ने ही बताया था कि हर व्यक्ति से दो से तीन लाख रुपये एडवांस के तौर पर लिए जाते थे, बाकी परीक्षा पास कराने के बाद 10 लाख और लेने की बात तय की गई थी। पुलिस ने गिरोह के चौथे आरोपी महाराजगंज के आशीष शुक्ला को 10 दिसंबर को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया है।

 जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में जिस सर्वोदय ऑनलाइन सेंटर के संचालक आनंद को गिरफ्तार किया गया है, उसके वहां ग्रुप डी परीक्षा में भी सॉल्वर पकड़ा गया था। तब यह पुलिस की जांच में बच गया था और फिर बाद में एसटीएफ ने अनुभव सिंह को दबोचा तो इसका नाम उजागर हुआ था, लेकिन एसटीएफ इसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाई थी जिस वजह से इसे दबोचा नहीं जा सका था।

 23 नवंबर 2021 को एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुभव सिंह, महराजगंज के घुघली थानाक्षेत्र के अहिरौली निवासी नित्यानंद गौड़ और गोरखपुर के चिलुआताल थाना के महेसरा निवासी सेनापति साहनी को गिरफ्तार कर फर्जी भर्ती गिरोह का पर्दाफाश किया था।

 

एसटीएफ के प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने कई राज उगले थे। नित्यानंद गौड़ ने पूछताछ के दौरान बताया था कि 15 व 16 नवंबर को रजनीश दीक्षित ने दो अभ्यर्थियों के रोल नंबर की स्लिप दी थी। इसमें से एक का सर नेम परिहार था, जिन्हें मुझे अभ्यर्थी की जगह ले जाकर बैठा देना था।

एनएसईआईटी के क्लस्टर हेड अनुभव सिंह की सहायता से यह अभ्यर्थी अपना बायोमीट्रिक लगाने के बाद बाहर चला गया, फिर सॉल्वरों को परीक्षा हॉल के अंदर लाया गया। सेनापति ने पूछताछ में बताया कि आशीष शुक्ला, दीपक और दिवाकर ने परीक्षा केंद्र का सीसीटीवी फुटेज बंद कराया था। इसकी मदद से दीपक और दिवाकर ऑनलाइन परीक्षा में सॉल्वर को बैठाते और नकल कराते थे।

जिले में कई बार पकड़े जा चुके हैं सॉल्वर
दूसरे को बैठाकर परीक्षा दिलाने का मामला इसके पहले भी गोरखपुर में पकड़ा जा चुका है। स्वास्तिक ऑनलाइन सेंटर से कई बार पुलिस और एसटीएफ की टीम सॉल्वर पकड़कर केस दर्ज कर चुकी है, लेकिन जांच में बच जाते हैं।

28 नवंबर 2020 : कैंट इलाके के पैडलेगंज से 12 सॉल्वर पकड़े गए।
6 अगस्त 2019 : जंगल धूसड़ स्थित ई-टेक्निकल सेंटर पर एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा देते चार सॉल्वर में पकड़े गए।
14 सितंबर 2018 : यूपीपीसीएल (यूपी पावर कार्पोरेशन) की सहायक समीक्षा अधिकारी की ऑनलाइन परीक्षा में स्वास्तिक सेंटर से बस्ती के अलमास, गोरखपुर के दिलीप कुमार वर्मा और छपरा, बिहार के सॉल्वर रोशन कुमार व मुजफ्फरपुर निवासी राजीव यादव को गिरफ्तार किया गया।
31 अक्तूबर 2018 : रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा में स्वास्तिक सेंटर से बिहार के जहानाबाद निवासी सॉल्वर दिनेश कुमार और नालंदा निवासी राजीव कुमार पकड़े गए थे।
21 सितंबर 2018 : पिपराइच स्थित ऑनलाइन परीक्षा केंद्र से रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा में अभ्यर्थी अमित, सॉल्वर अभिषेक, रोहित, राजीव व पंकज पकड़े गए थे।
15 सितंबर 2017 : दरोगा के प्लाटून कमांडर की ऑनलाइन परीक्षा में स्वास्तिक परीक्षा सेंटर से अभिषेक रंजन, अभ्यर्थी रमेश प्रसाद, मास्टर माइंड अवधेश गिरफ्तार हुए थे।

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23 नवंबर 2021 को एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने दारोगा भर्ती परीक्षा में धांधली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस मामले में गिरफ्तार अनुभव सिंह ने ही बताया था कि हर व्यक्ति से दो से तीन लाख रुपये एडवांस के तौर पर लिए जाते थे, बाकी परीक्षा पास कराने के बाद 10 लाख और लेने की बात तय की गई थी। पुलिस ने गिरोह के चौथे आरोपी महाराजगंज के आशीष शुक्ला को 10 दिसंबर को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया है।

 जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में जिस सर्वोदय ऑनलाइन सेंटर के संचालक आनंद को गिरफ्तार किया गया है, उसके वहां ग्रुप डी परीक्षा में भी सॉल्वर पकड़ा गया था। तब यह पुलिस की जांच में बच गया था और फिर बाद में एसटीएफ ने अनुभव सिंह को दबोचा तो इसका नाम उजागर हुआ था, लेकिन एसटीएफ इसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाई थी जिस वजह से इसे दबोचा नहीं जा सका था।

 23 नवंबर 2021 को एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुभव सिंह, महराजगंज के घुघली थानाक्षेत्र के अहिरौली निवासी नित्यानंद गौड़ और गोरखपुर के चिलुआताल थाना के महेसरा निवासी सेनापति साहनी को गिरफ्तार कर फर्जी भर्ती गिरोह का पर्दाफाश किया था।