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पीड़ित परिवार के सामने सिर ढकने का संकट,

वाराणसी के जंगमबाड़ी में मकान ढहने की घटना के बाद शुक्रवार की सुबह एलपीजी अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। सिलिंडर फटने की घटना से अधिकारियों ने इन्कार किया। आसपास के लोगों और ट्रॉली मैन से बातचीत कर जानकारियां ली। जमींदोज हो चुके मकान को लेकर राजेंद्र वर्मा और दीपक वर्मा के परिजनों के सामने अब सिर ढकने का संकट है।

मलबे में दबकर दम तोड़ने वाली बेबी वर्मा (45) का पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मोहल्ले में दूसरे दिन भी लोग गमगीन रहे। दशाश्वेध थाना प्रभारी के अनुसार हादसे की रिपोर्ट बनाकर वीडीए और नगर निगम को भेजा गया है।

पिता को देख फफक पड़ी जयपुर से आई बेटी

गुरुवार की रात सवा आठ बजे मकान की छत ढहने की घटना की जानकारी पाकर जयपुर में रहने वाली बेटी हेमा भी सुबह पहुंची। पिता, भाई और बहनों को देख वह फफक पड़ी। मोहल्ले के लोगों के अनुसार छत ढह जाने से परिजनों के समक्ष रहने की दिक्कतें होंगी। क्योंकि मकान पूरी तरह से गिर चुका है।

इस ठंड के मौसम में परिजन कैसे और कहां रहेंगे। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय, थाना प्रभारी अजय मिश्रा दोपहर के समय पीड़ित परिजनों से मुलाकात की। उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

थाने स्तर से रिपोर्ट भेजे जाने के बाद शनिवार की सुबह नगर निगम टीम के पहुंचने की संभावना है। वीवीआईपी दौरे को लेकर नगर निगम की टीम शुक्रवार को पहुंच नहीं सकी। हालांकि गलियों से मलबे को हटवाया गया। दशाश्वमेध थाना प्रभारी अजय मिश्रा ने बताया कि मकान ढहने की रिपोर्ट नगर निगम को भेजी गई है।

वाराणसी के जंगमबाड़ी में मकान ढहने की घटना के बाद शुक्रवार की सुबह एलपीजी अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। सिलिंडर फटने की घटना से अधिकारियों ने इन्कार किया। आसपास के लोगों और ट्रॉली मैन से बातचीत कर जानकारियां ली। जमींदोज हो चुके मकान को लेकर राजेंद्र वर्मा और दीपक वर्मा के परिजनों के सामने अब सिर ढकने का संकट है।

मलबे में दबकर दम तोड़ने वाली बेबी वर्मा (45) का पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मोहल्ले में दूसरे दिन भी लोग गमगीन रहे। दशाश्वेध थाना प्रभारी के अनुसार हादसे की रिपोर्ट बनाकर वीडीए और नगर निगम को भेजा गया है।

पिता को देख फफक पड़ी जयपुर से आई बेटी

गुरुवार की रात सवा आठ बजे मकान की छत ढहने की घटना की जानकारी पाकर जयपुर में रहने वाली बेटी हेमा भी सुबह पहुंची। पिता, भाई और बहनों को देख वह फफक पड़ी। मोहल्ले के लोगों के अनुसार छत ढह जाने से परिजनों के समक्ष रहने की दिक्कतें होंगी। क्योंकि मकान पूरी तरह से गिर चुका है।

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