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PATHAN की सूख रही जान, आमिर की मूवी की तरह कहीं दर्शक उतार न दें चड्डी,

विशाल हिंदू जनमानस से पैसा बनाने वाला बॉलीवुड अपनी हिंदू विरोधी ओछी मानसिकता से बाज नहीं आ रहा है। हिंदुओं के विरोध के चलते इसी साल आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चढ्डा को दर्शकों ने फॉरेस्ट गंप का मुरब्बा बनाकर फ्लॉप करा दिया। समान वजहों के चलते फिल्म शमशेरा का भी समान हश्र हिंदू जनमानस ने किया। अब बारी शाहरुख खान की फिल्म पठान की आई है। फिल्म में जान-बूझकर हिंदू आस्था के प्रतीक भगवा रंग को अश्लीलता से जोड़कर फिल्म के गाने को ‘बेशरम रंग’ नाम दिया गया है। यह गाना बॉलीवुड की विकृत हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है। कई राज्यों से मांग उठी है कि इन दृश्यों के साथ फिल्म को रिलीज नहीं किया जाए। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि अगर गाने के बोल और वेशभूषा में बदलाव नहीं किया गया तो विचार करेंगे कि मध्य प्रदेश में फिल्म को रिलीज करना है या नहीं। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने कहा है कि गुजरात में फिल्म रिलीज हुई तो किसी भी अप्रिय घटना के लिए थिएटर मालिक खुद जिम्मेदार होंगे।पठान के गाने ‘बेशरम रंग’ में दीपिका पादुकोण ने भगवा कलर की बिकिनी पहनी है। दरअसल, हिंदू जनमानस और सोशल मीडिया यूजर्स का वाजिब तर्क है कि भगवा रंग हिंदू धर्म और आस्था का प्रतीक है। दीपिका इस रंग की बिकनी पहन कर ‘बेशरम रंग’ के बोल वाले गाने पर डांस कर रही है, जो कि काफी आपत्तिजनक है। बायकॉट करने वालों का मानना है कि भगवा जैसे पवित्र रंग का प्रयोग बिकिनी के लिए करना स्वीकार्य नहीं है। शाहरुख और दीपिका को खुद अश्लीलता के भोंडे प्रदर्शन से बचना चाहिए था। उन्हें हिंदू जनमानस से वास्तविक उभार को देखना चाहिए था कि वो अब पहले की भांति हिंदू आस्था के अपमान को चुपचाप बर्दाश्त करने वाला नहीं है। पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद हिंदुओं के मन में वास्तविकता में गर्व की भावना का संचार हुआ है, तभी तो आज गर्व से कहो हम हिंदू हैं की हुंकार चहुंओर सुनाई देती है। लेकिन इसके बावजूद बॉलीवुड के कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी अंधे-बहरे बने हुए हैं।