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बंद गोभी का नहीं कोई खरीदार,

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सब्जियों के दाम घटने के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंडियों में बंद गोभी के खरीदार तक नहीं हैं। जिस कारण किसानों की लागत तो दूर मंडी तक ले जाने का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है। अब अधिकांश किसानों ने बंद गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाना शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के शामली में बंद गोभी की फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होती है। मात्र तीन माह की यह फसल काफी मुनाफा देकर जाती है। यही नहीं दो माह पहले तक मंडियों में बंद गोभी का दाम 15 से 20 रुपये किलो तक था, जिस कारण किसानों को काफी मुनाफा भी हुआ। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।

हापुड़ की गोभी बनी वजह
अब हापुड़ क्षेत्र की बंद गोभी बाजार में आने के कारण अचानक बंद गोभी के दाम में गिरावट आ गई और जो गोभी मंडी में 15 से 20 रुपये किलो बिक रही थी। उसके दाम दो से तीन रुपए प्रति किलो पर आ गए। इतने ही रुपए का खर्च फसल को खेत से काटकर मंडी तक ले जाने में आ रहा है। जिस कारण किसान की लागत तो दूर मंडी खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा।

यह भी पढ़ें: Meerut News Live: ठंड बढ़ी, पुलिस की गोतस्करों से मुठभेड़, बदमाशों ने शोरूम में घुसकर की ताबड़तोड़ फायरिंग

किसान विकास कुमार ने बताया कि एक बीघा बंद गोभी को उगाने में दस हजार रुपए का खर्च आया है। लेकिन अब फसल पर ट्रैक्टर ही चलाना पड़ रहा है। क्योंकि दाम उम्मीदों से भी नीचे आ गए हैं।

बोले किसान
इस बार बंद गोभी के दाम अच्छे मिलने की उम्मीद थी। लेकिन जिस समय फसल खेत में तैयार हुई उस समय अचानक दाम काफी गिर गए। जिससे इस बार काफी नुकसान हुआ है।-शुभम कुमार

एक बीघा बंद गोभी लगाने में दस हजार रुपए की लागत आई है। उन्होंने चार बीघा गोभी लगाई है। लेकिन फिलहाल गोभी का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है, जिससे नुकसान हो रहा है।-रकम सिंह

जिस समय फसल शुरू हुई उस समय दाम ठीक थे। लेकिन अब जब फसल बीच में पहुंच रही है। दाम काफी नीचे आ गए हैं, मंडी तक ले जाने का भी किराया भी नहीं निकल पा रहा।-सोनू कुमार

उन्होंने अभी तक फसल नहीं काटी है। क्योंकि दाम बहुत कम है उम्मीद यही है कि जल्द बंद गोभी के दाम थोड़े बहुत बढ़ जाएं। जिससे कि फसल की लागत तो पूरी हो जाए। -संदीप कुमार।

सब्जियों के दाम घटने के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंडियों में बंद गोभी के खरीदार तक नहीं हैं। जिस कारण किसानों की लागत तो दूर मंडी तक ले जाने का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है। अब अधिकांश किसानों ने बंद गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाना शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के शामली में बंद गोभी की फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होती है। मात्र तीन माह की यह फसल काफी मुनाफा देकर जाती है। यही नहीं दो माह पहले तक मंडियों में बंद गोभी का दाम 15 से 20 रुपये किलो तक था, जिस कारण किसानों को काफी मुनाफा भी हुआ। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।

हापुड़ की गोभी बनी वजह

अब हापुड़ क्षेत्र की बंद गोभी बाजार में आने के कारण अचानक बंद गोभी के दाम में गिरावट आ गई और जो गोभी मंडी में 15 से 20 रुपये किलो बिक रही थी। उसके दाम दो से तीन रुपए प्रति किलो पर आ गए। इतने ही रुपए का खर्च फसल को खेत से काटकर मंडी तक ले जाने में आ रहा है। जिस कारण किसान की लागत तो दूर मंडी खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा।

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