Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

EXCLUSIVE : ईडी ने झारखंड हाइकोर्ट को बताया- कैसे दो वर‍िष्‍ठ अधिकारी कर रहे ईडी की जासूसी, पढ़ें 

Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड हाई कोर्ट को बताया है कि राज्य के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने एजेंसी की जांच को बाधित करने के लिए बरहरवा टोल प्लाजा मामले की जांच के दौरान ईडी के अधिकारियों की जासूसी की थी. विश्‍वसनीय सूत्रों के अनुसार, ईडी ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को नामजद किया है, जो नियमित फोन कॉल के जरिए निर्देश दे रहे हैं और ईडी अधिकारियों पर निगरानी रखने की योजना बना रहे हैं. उन्हें कानूनी सलाहकार के साथ-साथ मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है. सूत्रों ने कहा कि ईडी ने उनकी बातचीत के फोन ट्रांसक्रिप्ट संलग्न किए हैं. सूत्रों के अनुसार ईडी ने दावा किया है कि सरकार के उक्त कानूनी सलाहकार ने अपने एक विश्वस्त व्यक्ति को पंकज मिश्रा से मिलने के लिए जेल तक भेजा था. यह जानने के लिए कि पुलिस रिमांड अवधि के दौरान ईडी ने उनसे और क्या पूछताछ की थी. गौरतलब है क‍ि ईडी द्वारा अवैध पत्थर खनन घोटाले की जांच बरहरवा टोल प्लाजा घोटाला मामले की जांच से निकली है.

इसे भी पढ़ें : झारखंड सरकार ने ईडी को टोल प्लाजा घोटाले में आगे नहीं बढ़ने को कहा, लिखा पत्र

पंकज मिश्रा भी जेल से फोन पर दे रहे थे निर्देश

अवैध खनन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए पंकज मिश्रा भी जेल से फोन पर निर्देश दे रहे थे कि लोगों को उनकी गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए उकसाया जाए. ऐसे ही एक फोन कॉल में पंकज मिश्रा ने बरहरवा में बंद और थानों के बाहर प्रदर्शन करने के निर्देश दिए. सूत्रों के मुताबिक ईडी की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस मामले की जांच को बाधित करने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास किए गए. हलफनामे में किए गए खुलासे से राज्य सरकार और पुलिस की नींद उड़ सकती है. इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर को न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी की एकल पीठ द्वारा की जानी है. अदालत ने 6 दिसंबर को अपनी पिछली सुनवाई में सीबीआई और ईडी को इस मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. अदालत ने यह आदेश शिकायतकर्ता शंभू नंदन द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया था, जिसमें पुलिस पर मंत्री आलमगीर आलम और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को बचाने का आरोप लगाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए डीएसपी 

सूत्रों ने कहा कि ईडी अदालत के सामने बताएगी कि कैसे साहिबगंज पुलिस ने मंत्री पंकज मिश्रा को क्लीन चिट देने के एकमात्र उद्देश्य से जल्दबाजी में अपनी जांच की. हालांकि, ईडी डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा का बयान दर्ज नहीं कर सका, जिन्होंने रिकॉर्ड समय में इस मामले की निगरानी की थी. प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर, दो समन के बावजूद डीएसपी राज्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी का हवाला देते हुए ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

इसे भी पढ़ें : SDO कोर्ट से कुणाल सिंह, मनोज यादव, देवेंद्र महतो, गुलाम सरवर और सफी इमाम को नोटिस, जानें पूरा मामला

आप डेली हंट ऐप के जरिए भी हमारी खबरें पढ़ सकते हैं। इसके लिए डेलीहंट एप पर जाएं और lagatar.in को फॉलो करें। डेलीहंट ऐप पे हमें फॉलो करने के लिए क्लिक करें।