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देश में लगातार 10वें दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, विमान ईंधन भी हुआ महंगा

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और दूसरे पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में हो रही वृद्धि का असर अब घरेलू बाजार में साफ दिखने लगा है। पिछले 10 दिनों से तेल कंपनियां लगातार पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ा रही हैं। मंगलवार को पेट्रोल का दाम 47 पैसे और डीजल का दाम 93 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया। यही नहीं, एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम में भी मंगलवार को 16.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई।

एविऐशन टरबाइन फ्यूल यानी एटीएफ का दाम राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को 5,494.50 रुपए प्रति किलोलीटर यानी 16.3 प्रतिशत बढ़कर 39,069.87 रुपए प्रति किलोलीटर (प्रति हजार लीटर) कर दिया गया। तेल कंपनियों द्वारा मंगलवार को जारी मूल्य अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। एटीएफ के दाम में जून में यह लगातार दूसरी वृद्धि है। इससे पहले 1 जून को एटीएफ के मूल्य में रिकॉर्ड 56.5 प्रतिशत यानी 12,126.75 रुपए प्रति किलोलीटर की वृद्धि की गई थी।इसी तरह पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 10वें दिन वृद्धि की गई है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 47 पैसे बढ़कर 76.73 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल का दाम 93 पैसे बढ़कर 75.19 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया। मूल्य अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।

7 जून 2020 के बाद से लगातार 10 दिन से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इन 10 दिन में पेट्रोल के दाम में कुल मिलाकर 5.47 रुपए और डीजल के दाम में 5.80 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है। तेल कंपनियां ये दाम पूरे देश में एक समान बढ़ाती हैं लेकिन राज्यों के स्तर पर इन पर लगने वाले स्थानीय बिक्री कर अथवा मूल्यवर्धित कर (वैट) की दर अलग-अलग होने के कारण दाम में वृद्धि अलग-अलग दिखती है।डीजल के दाम में मंगलवार को हुई 93 पैसे की प्रति लीटर की वृद्धि तेल कंपनियों द्वारा ईंधन के दाम में दैनिक संशोधन शुरू किए जाने के बाद से 1 दिन में होने वाली सबसे बड़ी वृद्धि है। तेल कंपनियों ने मई 2017 से पेट्रोल, डीजल के दाम दैनिक आधार पर अंतरराष्ट्रीय मूल्य के अनुरूप संशोधन की शुरुआत की थी।
कंपनियों ने 7 जून के बाद से पेट्रोल, डीजल के दाम में दैनिक संशोधन का काम फिर शुरू किया है। इससे पहले मार्च 2020 के बीच में इसे रोक दिया गया था। करीब 82 दिन तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया। मध्य मार्च में जब कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन लगाने की तैयारियां चल रही थीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिर रहे थे तब सरकार ने ईंधन पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगा दिया और राजस्व बढ़ाने के उपाय किए। हालांकि उत्पाद शुल्क वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर नहीं पड़ा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट के साथ इसे समायोजित कर दिया गया।

पेट्रोलियम उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि यह वृद्धि अवश्यंभावी है। कोरोना वायरस महामारी के कारण जब कई देशों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया और आर्थिक गतिविधियां ठप हो गईं, तब पेट्रोलियम पदार्थों के दाम एक समय 2 दशक के निम्न स्तर पर चले गई। अब जबकि भारत सहित कई देशों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं, दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं।

दाम में महीने की पहली और 16 तारीख को अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम की घटबढ़ के अनुरूप संशोधन किया जाता है जबकि पेट्रोल, डीजल के दाम में दैनिक आधार पर यह बदलाव किया जाता है।