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कोविड की आहट से बनारस में अलर्ट,

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कोरोना संक्रमण पर वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। दीनदयाल अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। गंभीर मरीजों को बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसे लेवल थ्री का अस्पताल बनाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर कोरोना जांच के साथ ही जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जाएगी।

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने गुरुवार को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की तैयारियों की ऑनलाइन समीक्षा की। उन्होंने अस्पतालों में दो दिन के भीतर कोरोना संक्रमण से निपटने की सभी तैयारियों को पूरी करने का निर्देश दिया। कहा कि सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट एवं ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की जांच, सैनिटाइजजर, मास्क आदि की पर्याप्त व्यवस्था, टेलीमेडिसिन के लिए टेलीफोन लाइन प्रारंभ कराने के साथ ही काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से डेटा फीडिंग आदि का काम भी शुरू कराना होगा।

वाराणसी में फिलहाल एक भी कोरोना केस नहीं

एक दिसंबर 2021 से तीसरी लहर में अब तक 15,220 मरीज मिल चुके हैं। राहत की बात यह है कि इस समय जिले में एक भी संक्रमित नहीं है। हालांकि, देश के अलग-अलग शहरों में मिले कोरोना के नए वैरियंट को देख लोगों से ज्यादा सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।

दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में पहले कोविड अस्पताल बनाया गया था, लेकिन मरीज नहीं मिलने  की वजह से उसे डेंगू वार्ड में परिवर्तित कर दिया गया। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने सभी अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधीक्षक से थर्मल स्क्रीनिंग, सीटी स्कैन, ऑक्सीजन, पैथलॉजी जांच के साथ ही मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स की व्यवस्था करने के साथ ही मरीजों को जागरूक करने को भी कहा है।

दूसरी और तीसरी लहर में दीनदयाल में 180, बीएचयू अस्पताल और ट्रामा सेंटर को मिलाकर 300 से अधिक बेड पर मरीजों को भर्ती करने की सुविधा थी। फिर से इसे कोविड अस्पताल बनाने से मरीजों को परेशानी नहीं होगी। बेड तक ऑक्सीजन निर्बाध गति से मिलती रहे, इसके लिए प्लांट की भी नए सिरे से निगरानी कराई जा रही है। ताकि जरूरत पड़ने पर कोई असुविधा न हो। बेड, मरीजों की जांच, इलाज में जरूरी दवाएं, उपकरण भी मंगाने की तैयारी है।

अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा। लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। जिले के सरकारी अस्पतालों सहित अन्य जगहों पर जांच की पूरी व्यवस्था है। विदेश से लौटने वाले लोगों को चिन्हित कर उनकी कोविड जांच कराई जाएगी। जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जाएगी। – डॉ. संदीप चौधरी, सीएमओ वाराणसी

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देख शहर में जागरूकता अभियान शुरू हो गए हैं। बृहस्पतिवार को अस्सी घाट पर अर्चकों ने मास्क पहन कर गंगा आरती की।  जय मां गंगा सेवा समिति के आयोजक आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि जागरूकता फैलाने के लिए अर्चकों ने मास्क पहनाकर गंगा आरती की।

 कोरोना संक्रमण पर वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। दीनदयाल अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। गंभीर मरीजों को बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसे लेवल थ्री का अस्पताल बनाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर कोरोना जांच के साथ ही जीनोम सिक्वेंसिंग भी कराई जाएगी।

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने गुरुवार को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की तैयारियों की ऑनलाइन समीक्षा की। उन्होंने अस्पतालों में दो दिन के भीतर कोरोना संक्रमण से निपटने की सभी तैयारियों को पूरी करने का निर्देश दिया। कहा कि सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट एवं ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की जांच, सैनिटाइजजर, मास्क आदि की पर्याप्त व्यवस्था, टेलीमेडिसिन के लिए टेलीफोन लाइन प्रारंभ कराने के साथ ही काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से डेटा फीडिंग आदि का काम भी शुरू कराना होगा।

वाराणसी में फिलहाल एक भी कोरोना केस नहीं

एक दिसंबर 2021 से तीसरी लहर में अब तक 15,220 मरीज मिल चुके हैं। राहत की बात यह है कि इस समय जिले में एक भी संक्रमित नहीं है। हालांकि, देश के अलग-अलग शहरों में मिले कोरोना के नए वैरियंट को देख लोगों से ज्यादा सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।